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युवक ने पांच हजार रुपए देकर बनवाया बीपीएल कार्ड, फिर सामने आई यह सच्चाई l shivpuri news

शिवपुरी शहर के फक्कड़ कॉलोनी निवासी एक युवक ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराते हुए नगर पालिका में फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बनवाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पीडि़त युवक ने एक पार्षद पति सहित दो पर फर्जी कार्ड बनवाने का आरोप लगाया है। इधर प्रभारी कलेक्टर ने यह आवेदन जांच के लिए एसडीएम को फोरवर्डकर दिया है।जानकारी के मुताबिक फक्कड़ कॉलोनी में रहने वाले देवकीनंदन पाराशर ने बताया कि उसने 6 महीने पूर्व अपने बेटे की स्कूल फीस माफ कराने के लिए बीपीएल कार्ड बल्लू (पार्षद पति) व अशफाक खान से बनवाया था। इन दोनों ने यह कार्ड मुझसे 5 हजार रुपए लेकर एक माह बाद दे दिया था। बाद में जब मैंने कार्ड को बच्चे की स्कूल फीस माफ कराने के लिए लगाया तो यह कार्डजांच में फर्जी पाया गया। इस कार्ड का न तो बीपीएल सूची में कोई रिकोर्ड था और न ही इसकी कोई वैधानिक प्रक्रिया की गई थी।
फर्जी तरीके से असली की तरह दिखने वाला कार्ड देकर मुझसे पैसे ले लिए गए, मैंने फर्जी कार्ड बनाने वालों की दो माह पूर्व भी जनसुनवाई में जिला कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतकर्ता ने मंगलवार को फिर इस मामले की शिकायत करते हुए कहा कि मेरा प्रशासन से भरोसा उठ गया है। सरेआम की गई ठगी और फर्जी कार्ड बनाने वाले गिरोह पर कोई कार्रवाई आज तक किसी ने नहीं की है, यदि जिला प्रशासन ने फर्जी कार्ड बनाने वाले तत्वों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की तो वह अपनी शिकायत कोर्ट में लेकर जाएंगे।
18 माह से नहीं मिला चने का भुगतान
खनियाधाना के ग्राम बूढाखेड़ व पहाड़ाखुर्द आदि ग्रामों में रहने वाले एक दर्जन किसान जनसुनवाई में आए और उन्होने बताया कि 18 माह पूर्व कृषि उपज मंडी रन्नौद में भावान्तर योजना अंतर्गत अपने चने की फसल बेची थी। इसका लाखों रुपए का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। वह कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा। शिकायत करने वाले किसानों में आशाराम राय, विवेक राय, मुनीराम सिंह, रामाबाई लोधी आदि एक दर्जन किसान शामिल है।
जनसुनवाई में चिल्लाई नाराज युवती
सिरसौद के ख्यावदाकला में रहने वाली युवती रचना ओझा ने जनसुनवाई में प्रशासनिक व्यवस्थाओं से नाराज होकर अधिकारियों को चिल्ला-चिल्ला कर खरी-खोटी सुनाई। रचना का आरोप था कि शासन-प्रशासन की जन कल्याणकारी योजनाए सिर्फ प्रचार के लिए हैं, उनका लाभ जनता को नहीं मिलता है। मेरे पिता बूढ़े हो गए आवेदन कर-करके लेकिन उन्हें अभी तक कुटीर नहीं मिली, मेरी बहन की शादी के समय भी पूरे दस्तावेज जनपद सीईओ शिवपुरी के पास लगाए थे, उनको भी सहायता राशि नहंी दी गई बल्कि जो चेक आया वह सीईओ ने ही अपने पास रख लिया। अब मैंने अपनी शादी के लिए 19 नवंबर को आवेदन किया था लेकिन तब से लेकर कई बार चक्कर लगा चुकी हूं, लेकिन अधिकारी कभी बजट न होने या कोई और कारण बताकर मुझे सहायता नहीं दे रहे। यह बोलते-बोलते रचना रोने लगी और उसने अधिकारियों से भी काफी भला-बुरा कहा। बाद में जिला पंचायत सीईओ एचपी वर्मा ने जनपद के एक कर्मचारी को युवती के साथ भेजकर उसके मामले को दिखवाने के आदेश दिए हैं। वहीं शहर के कमलागंज घोसीपुरा में रहने वाली गायत्री शाक्य ने भी जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराते हुए मांग की कि उसके पास मजदूरी कार्ड है और उसकी शादी 10 जून 2019 को हुई थी, लेकिन तब से लेकर आज तक उसे विवाह सहायता नहीं मिली है।

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