मध्य प्रदेश। किसानों पर प्रकृति की मार जारी है 2 दिन ठीक से गुजर पाते नहीं है कि मौसम फिर खराब हो जाता है या सिलसिला लगभग 2 माह से चल रहा है । बेमौसम होने वाली बारिश से किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बुधवार की शाम 4:00 बजे तेज हवा और बारिश के साथ पड़े ओले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गिरे जिससे गेहूं की पकी हुई फसल ख़राब हो गई इस बारिश ने किसानों की कमर तोड़ डाली है। किसान अभी गेहूं की फसल काटने के फिराक में थे कि अचानक पड़े ओले ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। अभी मात्र पचास फीसद गेहूं की फसल भी नहीं कट पाई है । बारिश और ओले का असर आम की फसल पर भी पड़ा है।
गांवों में ओले पड़ने किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। ओले पड़ने से गेहूं की बालियां कटकर भूमि पर गिर गई हैं, जिसको काटने में किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी, जो किसान हाथ से काटकर खेत में रखे थे। वह पानी में तैर रहा है। अब किसान अपने भविष्य को लेकर चितित हैं। दरअसल तेज हवा के झोंके और बूंदाबादी के चलते किसानों के अरमान पर पानी फेर दिया है। मौसम की बेरुखी से गेहूं की खड़ी फसलें जमीन पकड़ ली हैं। इससे किसानों को काफी क्षति उठानी पड़ी है। तेज आंधी से दुकानों और लोगों के घर धूल से भर गए। अब गेहूं कटाई में विलंब होगा।
वहीं जिले के किसानों का कहना है कि हमने अपने जीवन में कभी कुदरत की ऐसी मार नहीं देखी। खेती-किसानी में थोड़ा बहुत नुकसान तो होता रहता है, लेकिन यह तो बहुत बड़ी आसमानी मुसीबत है। शाम को हुई ओलावृष्टि ने किसानों की आशाओं पर तुषारापात कर दिया। आंवले के आकार से बड़े ओले करीब 15 मिनट तक गिरे और आंधी – बारिश के साथ खेतों में और शहरी क्षेत्र में बर्फ की चादर सी बिछ गई, जिससे 80 प्रतिशत फसल पूरी तरह नष्ट होने का अनुमान है। इसके अलावा रहवासी क्षेत्रों में मकानों के कबेलू चकनाचूर हो गए। वाहनों के कांच भी टूट गए है।
पिछले दिन में बदरवार क्षेत्र के इचौनिया, भिलारी, अकाझिरी व धंधेरा और कोलारस क्षेत्र के खैराई, मोहराई और भड़ौता गांवों में भी बारिश ने किसानों को संकट में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को 136 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
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