*✍आज विश्व में वैश्विक महामारी (कोरोना वायरस)से लोग घरों तक सीमित रहने मजबूर हैं।गोस्वामी तुलसी दास जी कहते है कि -बहुत ही कष्टों से 84 लाख योनियों में भटकने के बाद ही मानव तन मिलता है। तो हम सब को मानव तन का सदुपयोग करना चाहिए !ऐसे ब्यर्थ नहीं गवाना चाहिए जैसे -एक दूसरे की सहयता करके पीड़ित गरीबों-असहाय लोगों की सेवा करके,बड़ों-छोटों का सम्मान करके मानव शरीर का सदुपयोग करना चाहिए।इस विषम परिस्थितियों में हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी अपने जनता जनार्दन के हित के लिए थोड़ी सहयता चाहते है कि बस 21दिन तक अपने अपने घर से न निकले और देश के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि हम सभी उनकी आज्ञा का पालन करें, इसलिए डरना नहीं- लड़ना है। वायरस के खिलाफ तो स्वच्छ रहे-सावधान रहें- सतर्क रहे।अपने परिवार के साथ समय बिताये खुश रहे।उक्त बातें छत्तीसगढ़ के डंगबोरा (सक्ती) के क्षेत्रीय भागवताचार्य (कथावाचिका)सुश्री पूजा किशोरी ने लोगों को हालात-परिस्थिति से निपटने एकजूटता संदेश देते हुए कही। उन्होंने कहा कि समय और परिस्थितियों से हम सब डटकर मुकाबला करें तो हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।*
*जय हिन्द-जय भारत-जय छत्तीसगढ़*
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