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नवजात की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा


कराहल. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कराहल में नॉर्मल डिलीवरी होने के बाद नवजात की सांसें थम जाने पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। डॉक्टर, नर्सों को खरी-खोटी सुनाने के साथ आरोप लगाए कि गंभीर हालत होने के बाद भी डॉक्टर-नर्सें कहते रहे नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। इधर उन्होंने फोन करने के 19 घंटे बाद भी एम्बुलेंस के न आने को भी बच्चे की मौत का कारण माना। चिकित्सकों ने परिजनों को काफी समझाया, लेकिन वे उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे।
कराहल निवासी कांतिबाई (23) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस के न आने पर गर्भवती को बाइक पर बैठाकर पति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कराहल पहुंचा। रविवार को उसे भर्ती किया गया। नर्सें ने चेकअप कर कहा डिलीवरी नार्मल हो जाएगी, अभी घर ले जाओ 12 घण्टे भर्ती रखने के बाद सोमवार की सुबह 6 बजे अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। सुबह 11 बजे फिर से कांतिबाई को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे फिर बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचे। दोपहर एक बजे के करीब नार्मल डिलीवरी हो गई, लेकिन नवजात की सांस थम चुकी थी। परिजनों का आरोप था कि हम मरीज को श्योपुर-शिवपुरी कोटा रैफर कराने के लिए डॉक्टर को बोलते रहे, लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी।

नवजात से गर्भ में ही दम तोड़ दिया था। नर्स ने नार्मल डिलीवरी कर मां को बचा लिया। महिला को बेहतर उपचार मिल सके इसलिए उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। परिजनों के आरोप गलत हैं।
डॉ. बृजेंद्र सिंह रावत, बीएमओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कराहल

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