एंटी करप्शन न्यूज़
शिवपुरी। गर्मियों की आहट के साथ ही तात्याटोपे के सामने हर साल की तरह इस साल भी गरीबों के फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी के मटकों की दुकानें सजना शुरू हो गई हैं। इस बार इन दुकानों को भी लॉकडाउन की मार झेलना पड़ रही है। हालात यह हैं कि दुकानों पर ग्राहक न आने के कारण दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि बहुत से दुकानदारों ने तो बाजार से पैसा उठाकर बाहर से मटके मंगवाए हैं।
वहीं, दूसरी ओर ग्राहक न आने से उन्हें उल्टा नुकसान भुगतना पड़ रहा है। लक्ष्मी प्रजापति का कहना है कि हर साल तो कई ग्राहक मटके खरीदने के लिए खड़े रहते थे, फिर चाहे वे अमीर परिवारों से हों या फिर गरीब। इस बार तो दिन भर में एकाध मटका ही बिक जाए, तो बहुत बड़ी बात हो रही है।
अंजली प्रजापति ने बताया कि बड़े वाले मटके की कीमत 90 रूपए है, परंतु भूले भटके आया कोई ग्राहक लौटकर चला न जाए, इसलिए मटका 70 रुपए तक में बेच देते हैं। यही हाल अन्य छोटे मटकों का है, पिछले साल बड़े मटके 100 रुपए तक बेचे थे।
0 टिप्पणियाँ