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जीवन रक्षक दवाओं की कमी नहीं, बाहर से भी मंगवा रहे shivpuri news


शिवपुरी। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में किए गए लॉकडाउन में जब पूरा बाजार बंद था, तब भी मेडिकल स्टोर पर दवाएं मिलती रहीं। थोक व्यापारियों को दवा के ट्रांसपोर्टेशन में अधिक समस्या नहीं आ रही, लेकिन मेडिकल स्टोर पर दवा न होने पर बाहर से मंगवाने में जरूर थोड़ी परेशानी हो रही है। फिलहाल शिवपुरी में जीवन रक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। मेडिकल स्टोर संचालक बताते हैं कि दोपहर 12 बजे के बाद हम जरूर फ्री से हो जाते हैं, क्योंकि आने वाला ग्राहक चौराहे से ही वापस चला जाता है।
शिवपुरी शहर के मुख्य बाजार कोर्ट रोड पर स्थित मोहन मेडिकल स्टोर के संचालक दिनेश कुमार गुप्ता का कहना है कि दवाओं की कोरोना से पहले तक हम सुबह 9.30 से 10 बजे के बीच दुकान खोलते थे तथा रात 9.30 बजे बंद करते थे, लेकिन अब सुबह जल्दी उठकर 7 बजे दुकान खोल लेते हैं और दोपहर 12 बजे के बाद जब ग्राहक नहीं आते तो दोपहर 2 या ढाई बजे तक दुकान बंद कर देते हैं। उन्होंने बताया कि सभी तरह की जीवन रक्षक दवाएं मौजूद हैं तथा ऐसी कोई भी दवा नहीं है, जिसके लिए मरीज को परेशान होना पड़ रहा हो।
कुछ दवाएं ऐसी भी होती हैं, जो यहां नहीं मिलतीं, तो हम उसे ग्वालियर से आने वाले उन वाहनों से डिब्बे में मंगवा लेते हैं, जो वाहन हर दिन आते-जाते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे मरीज भी आते हैं, जो उसी कंपनी की दवा मांगते हैं, जो डॉक्टर ने लिखी है, उन्हें समझाना मुश्किल होता है, जबकि समझदार लोग उसकी वैकल्पिक दवा को खरीद लेते हैं। दुकान पर सोशल डिस्टेंस के साथ ही दवा लेने आने वाले में यदि उसे जुकाम आदि नजर आता है, तो उसे यह भी समझाते हैं कि सर्दी-जुकाम की दवा तो ले ही लो, साथ ही खुद का चेकअप भी करवा लेना, इतना ही नहीं उनसे कहते हैं कि वे घर में ही रहें तथा परिवारजन को भेजकर दवा मंगवा लें।
पुलिस की पूछताछ में ही लौट जाते हैं ग्राहक
दिनेश गुप्ता ने बताया कि दवा लेने तो बारह बजे के बाद भी आ सकते हैं, लेकिन चौराहे पर ही जब पुलिस पूछताछ करती है, तो अधिकांश लोग वहीं से वापस लौट जाते हैं।
दवाएं पर्याप्त, वितरण का समय कम
दवाओं के थोक विक्रेता सुमित गुप्ता का कहना है कि बाहर से आने वाली दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, लेकिन शहर सहित जिले में खेरची विक्रेताओं तक दवाओं को पहुंचा पाना मुश्किल हो रहा है। हमे समय केवल 3-4 घंटे का मिल रहा है, उसमें जिले की लगभग 350 पार्टियों तक माल नहीं पहुंचा पा रहे, क्योंकि इतने समय में शहर की ही डेढ़ सौ पार्टियों तक दवा की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। यदि इसमें समय की छूट दी जाए तो शहर सहित ग्रामीण अंचल की दुकानों तक सभी तरह की दवाएं पहुंच सकें।
अंचल में दवाओं की कमी, शहर तक जा रहे मरीज
जिला मुख्यालय से 38 किमी दूर हाईवे पर स्थित लुकवासा कस्बे में मेडिकल स्टोर संचालित करने वाले आशुतोष ने बताया कि बीपी व शुगर सहित जुकाम की टेबलेट व डिटॉल की शॉर्टेज आ गई है। पहले दवा एजेंसी द्वारा छोटे ट्रांसपोर्ट वाहन से भेज दी जाती थी तथा कई बार यात्री वाहन से भी शिवपुरी से मंगवा लेते थे, लेकिन अब दवा लेने तो खुद जाना ही पड़ रहा है, साथ ही अब पूरा कैश लेने के बाद ही दवा दी जा रही है, जबकि पहले तो एक महीने बाद भी भुगतान कर देते थे। कई बार ग्राहक को जब दवा नहीं मिल पाती, तो वो उसे लेने के लिए शिवपुरी जाता है।

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