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राखी में रेशम की मान्यता क्यों है क्या कोई लॉजिक है या बस पंडित जी ने कह दिया इसलिए

Raksha bandhan 2018: जानिये, कब है रक्षाबंधन ...

 श्रीमती शैली शर्मा। रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है। बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांध बाधेंगी। आजकल बाजार में कई तरह की आकर्षक और महंगी राख्या मिलती हैं परंतु हिंदू धर्म शास्त्रों में भाई की कलाई पर रेशम से बनी हुई राखी बांधने की परंपरा बताई गई है। सवाल यह है कि यदि बात सबसे महंगी राखी की है तो फिर वह राखी सोने के धागे से बनी और डायमंड से सजी होनी चाहिए थी, क्या कारण है कि राशि के लिए रेशम के धागे को ही धार्मिक मान्यता दी गई। आइए जानते हैं क्या इसके पीछे कोई लॉजिक भी है या बस कभी किसी पंडित जी ने कह दिया और परंपरा बन गई।


रेशम का धागा कैसे बनता है


राखी में रेशम का क्या महत्व है 

यह बताने की जरूरत नहीं की रक्षाबंधन जीवन के सबसे संवेदनशील रिश्ते को मजबूत करने का त्यौहार है। रेशम या सिल्क में एक बेहद खास बात होती है जो और किसी भी धागे में नहीं होती, वह यह कि रेशम का धागा जितना पुराना होता है उतना ही चमकदार होता जाता है और उसकी कीमत उतनी ही बढ़ती जाती है। बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम का धागा बांधते हुए मेरी कामना करती है कि उनका रिश्ता जितना पुराना हो उतना ही चमकदार होता जाए और उसकी कीमत हमेशा बढ़ती रहे

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