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साबुन कई कलर्स में आते हैं लेकिन उनका झाग हमेशा सफेद क्यों होता है

चाहे किसी भी रंग का हो साबुन, लेकिन ...

साबुन का उपयोग तो हर कोई हर रोज करता है। बात लिक्विड सोप की हो या फिर ड्राई सोप की, बाजार में सभी के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। साबुन कई खुशबू और कई रंगों में आते हैं। कुछ कंपनियां तो यह भी कहती हैं कि उनके साबुन में चांदी होती है। अपना सवाल सिर्फ इतना सा है कि साबुन लाल हो या हरा उसका झाग सफेद क्यों होता है। साबुन का झाग साबुन के रंग जैसा क्यों नहीं होता। आइए समझने की कोशिश करते हैं:-


पंजाब के श्री राहुल शर्मा जो एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर है, बताते हैं कि साबुन विशेषकर टॉयलेट सोप बनाने मे सबसे पहले जो कच्चा माल प्रयोग होता है वह है नूडल ( ये खाने वाले नूडल नहीं हैं ) और नूडल को सफेद ही बनाया जाता है ताकि उसमे कोई भी रंग मिला के उस रंग का साबुन बनाया जा सके । असल मे नूडल ही वह साबुन होता है उसे बाद में मिक्सर में मिक्स करके जरूरत के हिसाब से रंग , पानी, परफ्यूम आदि वस्तुयें मिलाई जाती हैं उसके बाद एक मशीन में उसके डाई के हिसाब से साबुन बनाया जाता है।

ये तो हुई साबुन बनाने की बात अब आते हैं मुख्य प्रश्न पर, तो मित्रों साबुन में विशेष प्रकार के कलर मिलाये जाते है जो कि पानी के संपर्क में आने पर छूटते नही है न ही पानी में घुलनशील होते हैं (सिंदूर भी उनमें से एक है )  इसीलिए तो साबुन का झाग उसकी (नूडल) की प्रकर्ति के अनुसार सफेद ही होता है। और रंग तो पानी मे मिक्स होते नही है ।

सरल शब्दों में बात सिर्फ इतनी सी है कि जब हम साबुन का उपयोग करते हैं मारे हाथ में मौजूद उत्पाद में से केवल नूडल ही झाग बनाता है। उसके अलावा जो कुछ भी उसके अंदर है को पानी के साथ बह जाता है। साबुन का रंग कुछ इस तरह का होता है कि वह पानी के साथ घुलकर हाथ पर नजर नहीं आता, बल्कि पानी के साथ बह जाता है और अपने हाथ में सिर्फ झाग रह जाता

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