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जानिए, रत्ती में ऐसा क्या है जो हीरे-जवाहरात के लिए डिजिटल तराजु के बजाए उस पर भरोसा करते हैं

 Poems | My World of words...

रत्ती-माशा-तोला यह नाम तो आपने सुना ही होंगे। दो तोले की अंगूठी, 10 तोले की चेन, सात रत्ती का हीरा और ऐसे ही कई अवसरों पर हीरे-जवाहरात अथवा आभूषणों के वजन बताने के लिए रत्ती-माशा-तोला शब्दों का उपयोग सुना ही होगा। सवाल यह है कि क्या आप जानते हैं रत्ती क्या है। इसमें ऐसी क्या खास बात है कि इसे वजन नापने वाले किसी भी आधुनिक यंत्र से अधिक विश्वसनीय माना जाता है। क्या बात है कि 'रत्ती' की विश्वसनीयता 5000 से अधिक सालों से स्थापित है और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार रत्ती के माप को ही मान्यता दी गई है। आइए जानते हैं:-
दरअसल, रत्ती किसी वजन नापने वाले प्राचीन संयंत्र का नाम नहीं है बल्कि यह तो 'गूंजा' नाम के एक पौधे की फली के अंदर मिलने वाला बीज है। इसका अधिकतम भाग लाल एवं सिरा काला होता है। इसे चरमु या फिर चीरमी भी कहा जाता है। इसके पत्ते चबाने से मुह के छाले ठीक हो जाते है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि फली की आयु कितनी भी क्यों ना हो उसके अंदर उपस्थित बीजों का वजन हमेशा एक समान रहता है। एक मिलीग्राम का भी फर्क नहीं होता। ठोस मान्यता है कि इंसान द्वारा बनाई गई मशीन है एक बार गलती कर सकती हैं परंतु प्रकृति द्वारा निर्धारित किए गए गुंजा नामक पौधे के बीज 'रत्ती' का वजन कभी परिवर्तित नहीं हो सकता।

गुंजा रत्ती, Rosary pea - Home | Facebook


वजन नापने के लिए सदियों से प्रमाणित भारतीय पद्धति

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