दिग्गजों को कोरोना पॉजिटिव देख लोग हुए हलकान !
कोरोना वायरस दिनों दिन रफ़्तार पकड़ता जा रहा है ऐसे में हम बचाव की सिवाय कुछ नहीं कर पा रहे है कोरोना के आगे हमारी सभी ताकतें कोरोना नाम सुनकर ही घुटने तक बैठी है | ऐसे में हमारे जनप्रतिनिधि जिनके हाथों में देश का सारा सिस्टम होता है | उनका मार्ग दर्शन के सिवाय और कोई भी हम सबका सहारा नहीं है| लेकिन देश के लोग तब चौंक उठते है जब हमारे दिग्गज नेता ही कोरोना संक्रमित हो रहे है| जबकि इन्हें एक से बढ़कर एक सुविधाएँ सुलभ है | इनकी देख रेख में देश का पूरा तंत्र हरवक्त लगा रहता है इसके वावजूद भी देश के गृह मंत्री अमित शाह कोरोना वायरस के शिकार हो रहे है जब यही सुरक्षित नहीं तो आम आदमीं क्या बात की जाये | जनाता तो बेचारी चारो तरफ से गयी | शुक्र है जो सही समय पर भगवन श्रीराम जी के मंदिर का भूमि पूजन हो
गया | आखिर यह देश चल भी तो उनके ही भरोसे रहा था
आखिर क्यों बढ़ रही है वस्तुओं कीमतें
कोरोना लॉक डाउन लगने से पहले की तुलना में आज हम बाजार की वस्तुओं की कीमतों की करें तो आप चौंक भी सकतें है और शायद नहीं भी | चौंक इसलिए नहीं सकते है क्योंकि इस बीच आप लोग बढ़ी हुई वस्तुओं की कीमतों के आदि हो गए है | इसलिए शायद आपके लिए कोरोना की मंहगाई को वक़्त के तकाजे को देखकर भूल गए या यू कहे की कोरोना में मिले हर जखम को खुद को जिन्दा और सलामत समझ कर हालातों से समझौता कर लिया | लोग आज अपनी जरूरतों की चीजें अचानक बढ़ी कीमतों पर क्यों खरीदने पर मजबूर है इसकी न तो किसी को चिंता है और न ही किसी को कोई लेना देना है अचानक ऐसा क्या हुआ जिससे व्यवसायिओं ने वस्तुओं की कीमतें बढ़ा ली और क्यों बढ़ा ली इसका जवाब न तो लेना वाला है और ना कोई देने वाला है | कंस्यूमर ने भी कोई ऐतराज नहीं किया शायद इसलिए कि कोरोना संकट में जिंदगी बच जाये तो यही बहुत है | घाटे -मुनाफे तो बाद में पूरे कर लेंगें | यहाँ हमें थोड़ा कहना कि व्यवसायिओं ने तो अपने कोरोना घाटे की पूर्ती रेते बढ़ा कर कर ली लेकिन जिसने कठिन वक़्त में ये तकलीफ झेली उसके दर्द पर मलहम लगाना बेहद जरूरी है यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर वह व्यक्ति कैसे जी पायेगा यदि कीमतें लगातार बढाती रहीं|
0 टिप्पणियाँ