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कंप्यूटर के जमाने में भी बही-खाते का वजूद बरकरार, पुष्य नक्षत्र में हर व्यापारी बना खरीदार



 ग्वालियर पुष्य नक्षत्र में शनिवार को बाजारों में बंपर व्यापार हुआ। सदीयों से पुष्य नक्षत्र में बही-खाता खरीदने की परंपरा चली आ रही है। दीपावली पर सुर्ख लाल रंग की बही-खाते का व्यापारियों द्वारा पूजन किया जाता है। हालांकि वर्तमान आधुनिकता के जमाने में बही का स्थान कंप्यूटर ने ले लिया है। जिसपर हर प्रकार का हिसाब-किताब रखा जाता है। मगर आज भी बड़े-बड़े व्यापारियों का बही पर भरोसा बरकरार है। धनतेरस से पूर्व शनिवार को खरीदारी के महामुहूर्त (पुष्य नक्षत्र) था। ऐसे में सराफा, बर्तन, ऑटोमोबाइल, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सभी सेक्टर के बाजारों के साथ ही स्टेशनरी दुकानें भी गुलजार रहीं। शहर की कई स्टेशनरी दुकानों ने बहीखाता की बिक्री के लिए अलग से काउंटर संचालित किए गए।

ज्योतिषाचार्य पं.गौरव उपाध्याय ने बताया कि पुराने समय से ही पुष्य नक्षत्र में बही खाता खरीदने का प्रचलन रहा है। आधुनिक समय मे बही खातों का स्थान कंप्यूटर और मोबाइल ने ले लिया है। अत: बही खातों के साथ ही कंप्यूटर और मोबाइल भी पुष्य नक्षत्र में खरीदना लाभदायक रहेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार पुष्य नक्षत्र का प्रारंभ शनिवार को सुबह 8:04 पर हुआ, जिसका समापन रविवार को सुबह 8:44 बजे होगा। शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने के कारण शनि पुष्य कहलाएगा, रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र अथवा रवि पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि होग भी रहेगा।

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