ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद रहे इंदौर के संदीप अग्रवाल (तेल) हत्याकांड के अाराेपी रोहित सेठी को देहरादून पेशी पर ले जाने के दाैरान मसूरी के हाेटल में ठहराने व ऐश कराने के आराेप में दो पुलिसकर्मियों काे बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि हवलदार को अनिवार्य निवृत्ति दे दी है। एसपी अमित सांघी ने दाे साल चली विभागीय जांच के बाद यह कार्रवाई की।
19 जनवरी 2019 को इंदौर में केबल कारोबारी संदीप अग्रवाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा और उसके साथियों को पकड़ा था। संदीप के पार्टनर रोहित सेठी की संलिप्तता भी सामने आई तो पुलिस ने उसे देहरादून से गिरफ्तार किया था।
सेठी को मार्च 2019 में ग्वालियर केंद्रीय जेल में शिफ्ट किया गया था। उसने अपनी हत्या की आशंका जताई थी। जून में उसे पेशी पर देहरादून ले जाने के लिए ग्वालियर में तैनात हवलदार त्रयंबकराव, सिपाही एडविन तिर्की, संजय और अमित की ड्यूटी लगाई थी। इन्होंने ट्रेन से देहरादून जाने के लिए वारंट बनवाया, लेकिन आरोपी को वह किराए की कार से लेकर गए।
इनमें से एक सिपाही अमित पेशी पर गया ही नहीं। शेष तीनों पुलिसकर्मियों ने हत्याराेपी काे मसूरी के होटल चिमनी में रुकवाया। इस दाैरान उससे गर्लफ्रेंड आसमा मिलने आई और दाेनाें ने साथ में रात गुजारी। होटल के दूसरे कमरे में पुलिसकर्मी रुके थे। 18 जून को लौटते समय पुलिसकर्मियों का होटल स्टाफ से झगड़ा हुआ तो यह लोग वहां से भागे।
रास्ते में पुलिस ने इन्हें रोक लिया। ग्वालियर के तत्कालीन आरआई देवेंद्र यादव ने कॉल कर पुलिसकर्मियाें काे छुड़वाया था और उसने इस घटनाक्रम काे वरिष्ठ अफसरों काे नहीं बताया। शिकायत मिलने पर तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन ने जांच कराई और गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
इसके बाद विभागीय जांच शुरू की गई। एसपी अमित सांघी ने बताया कि विभागीय जांच में ड्यूटी के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आई। इसे इसे देखते हुए शनिवार को सिपाही एडविन तिर्की और संजय को बर्खास्त कर दिया गया। वहीं हवलदार त्रयंबकराव को अनिवार्य निवृत्ति दी है।
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