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शहर के 103 कोविड अस्पतालों में आईसीयू के 1274, एचडीयू के 1463, ऑक्सीजन के 2639, आइसोलेशन के 1499 बेड, सभी फुल

 


इंदौर शहर के अस्पतालों में बेड की कमी रुला रही है। बेड नहीं मिलने से कोई अस्पताल-अस्पताल भटक रहा है तो किसी ने भर्ती के इंतजार में दम तोड़ दिया है। शहर के 103 कोविड अस्पतालों में आईसीयू के 1274, एचडीयू के 1463, ऑक्सीजन के 2639 और आइसोलेशन के 1499 बेड हैं, लेकिन एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 11 हजार के पार होने से बेड आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।

शाजापुर से संक्रमित पति को लेकर इंदौर पहुंची एक महिला चार दिन से परेशान है। बेटा अस्पताल-अस्पताल भटक रहा, लेकिन कहीं पर भी बेड का इंतजाम नहीं हुआ। बेबसी में पत्नी की आंखें नम हैं। एमजी रोड पर जिला कोर्ट के सामने फुटपाथ पर पति का सिर गोद में लिए बैठी महिला अनहोनी की आशंका में फफक पड़ती है। बेटे नवीन ने बताया चार दिन से मां और पिता के साथ इंदौर में है। पिता का ऑक्सीजन सेचुरेशन लगातार गिर रहा है। अस्पतालों में बेड ढूंढ-ढूंढकर परेशान हो गए हैं। दो दिन तक सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल परिसर में बैठे, लेकिन बेड नहीं मिला। दो दिन से एमटीएच अस्पताल के पास बैठे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं मिल सका है।

बेड के लिए राऊ, महू, देवास तक गए, शाम को दम तोड़ा
रविवार को ग्रीन पार्क कॉलोनी निवासी महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। परिजन महू, राऊ, देवास सहित सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में भटकते रहे लेकिन हर जगह जवाब मिला कि बेड खाली नहीं है। परिचित सरफराज अंसारी ने बताया गुरुवार को तबीयत खराब हुई तो कोविड जांच करवाई। शुक्रवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। शनिवार रात तबीयत ज्यादा खराब हुई। सांस लेने में परेशानी हुई, लेकिन बेड नहीं मिला।

पीसी सेठी में भी ऑक्सीजन संकट, अंबू बैग बने सहारा
पीसी सेठी अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है। यहां राेजाना 25 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है लेकिन शनिवार काे सिलेंडर ही नहीं बचे थे। बच्चाें काे बचाने के लिए अंबू बैग से काम चलाया जा रहा था। प्रभारी अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी काे इसकी सूचना दी, जिसके बाद देर रात 1 बजे सिलेंडर भेजे जा सके। यहां नवजात के लिए एसएनसीयू स्थापित किया है। सीपेप और वेंटीलेटर 24 घंटे चलते हैं।

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