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बेड और वेंटिलेटर फुल, हर आधे घंटे में आ रहे ऑक्सीजन के 60 सिलेंडर, गंभीर रोगियों को ही लग रहे रेमडेसिविर



 जोधपुर में कोरोना पूरे चरम पर है। पहली लहर के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो चुके हैं। रविवार सर्वाधिक 1,695 संक्रमित मिले और आठ रोगियों ने दम तोड़ दिया। इस विकट परिस्थिति के बीच अब हालात नियंत्रण से बाहर होने वाले है। पूर्व में चिन्हित अस्पतालों के अलावा जिला अस्पताल को भर्ती मरीजों के लिए खोला गया है। साथ ही जरूरी दवाओं की कमी की आशंका भी जताई जा रही हैं।

बेड के हालात- एमडीएमएच में 402 में से 356 बेड पर मरीज भर्ती, आईसीयू खाली नहीं
पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा कोरोना अस्पताल... सुबह से ही कोरोना जांच व भर्ती होने के लिए कतारें लगने लगती है। तेज साइरन बजाती आने वाली एंबुलेंसों की आवाज सुनकर ही जनाना विंग में बैठे कर्मचारी दौड़कर ट्रॉली लेकर कर गेट पर तैनात हो जाते हैं। जनाना विंग में एक तरफ आईएलआई ओपीडी संचालित हो रही है तो सामने कोराेना जांच कराने वालों की लंबी लाइन लगी है। 100 से ज्यादा मरीज डरे हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाइन में लगे हैं।

भर्ती मरीज डॉक्टर के यह कहने का इंतजार कर रहे हैं कि एक बेड खाली है। हालत यह है कि इस समय जनाना विंग के मौजूद 402 बेड में से 356 बेड पर मरीज हैं। 45 वेंटिलेटर में से 41 पर गंभीर मरीज भर्ती हैं। यहां केवल गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। जनाना विंग फुल होने के बाद खोले गए जिरियाट्रिक विंग के 97 में से 69 बेड फुल हैं। इसलिए अब मरीजों को भर्ती के लिए एमजीएच में रैफर किया जा रहा है।

जनाना विंग: 12 वार्डों में केवल 16 बेड खाली, जिरियाट्रिक विंग खोल कर बेड बढ़ाए तो उनमें भी अब 97 में से 69 बेड भर चुके

कोरोना के इस काल में सबसे ज्यादा पांच शब्द ही सुने गए और इन शब्दों से खूब चिंता भी बढ़ी। ये शब्द हैं कोरोना अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, वैक्सीनेशन और श्मशान। भास्कर के 5 रिपोर्टरों की इन्ही पांच शब्दों की हकीकत जांचने के लिए पांच ग्राउंड रिपोर्ट...

ऑक्सीजन की स्थिति- 1 दिन में 900 सिलेंडर खपत, एक गाड़ी खाली हो रही दूसरी आ रही, इमरजेंसी के 300 का बफर स्टॉक


एमडीएम में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए जनाना विंग में अलग से ऑक्सीजन प्लांट बनाया गया है। हालत यह है कि हर 25-30 मिनट में ऑक्सीजन के 60 सिलेंडर लेकर गाड़ी आ रही है। सुबह करीब 9 बजे कोविड विंग में 356 मरीज भर्ती थे जिनमें से 125 ऑक्सीजन पर और 105 हाई-फ्लो मास्क पर थे। ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रहे, इसके लिए कर्मचारियों को शिफ्ट में 24 घंटे के लिए लगाया है।

हालांकि कई जगह पाइंट खराब होने के चलते वार्डों में ऑक्सीजन के प्रेशर की शिकायत है। एक दिन में करीब 900 सिंलेडर की खपत हो रही है। इसके अलावा मुख्य ऑक्सीजन प्लांट में 500 सिलेंडर नॉन कोविड मरीजों के लिए आ रहे थे। एमडीएमएच में को 20 किलोलीटर का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू किया गया। जिसके चलते मैन ऑक्सीजन प्लांट के आने वाले सिंलेडर की संख्या आज कम रही। आपातकाल में ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए करीब 300 सिलेंडर का बफर स्टॉक रखा गया है।

अभी कोई दिक्कत नहीं : संभागीय आयुक्त
सम्भागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा के मुताबिक जोधपुर सम्भाग में अभी ऑक्सीजन बेड व सिलेंडर कि कोई दिक्कत नही हैं। जोधपुर में सरकारी व निजी अस्पतालों में 3331 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था है। एमजीएच, एमडीएम, एम्स में एक-एक व मेडीप्लस, गोयल, राजदादीसा, वसुंधरा अस्पताल में भी एक-एक ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत है। जोधपुर में 6 ऑक्सीजन सप्लायर है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को जिले में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट नियमित रूप से सुचारू व क्रियाशील रखने के निर्देश दिए।

दवाइयों का स्टॉक- प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर नहीं मिल रही, भटक रहे परिजन
झालामंड में मेडिकल डिपार्टमेंट के संयुक्त निदेशक कार्यालय स्थित ड्रग वेयर हाउस में सन्नाटा है। यहां दवाइयों से भरा एक ट्रक खड़ा था, जबकि एक लोडिंग टैक्सी में वेयर हाउस से दवाइयां लोड की जा रही थी। मेडिकलकर्मी शैलेंद्रसिंह और उनके साथ अन्य स्वास्थ्यकर्मी स्टोर में दवाइयों का स्टॉक चैक कर रहे थे। थोड़ी देर में लूणी से एक मेडिकल टीम आई। दवाइयों और ड्रग वेयर हाउस प्रभारी के बारे में पूछने लगी। मुझे वहां देख शैलेंद्रसिंह ने पूछा, आप कहां से है, क्या आपको मेडिसिन चाहिए? भास्कर टीम ने परिचय देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के बारे में पूछा तो बताया कि इसके लिए प्रभारी से बात करनी होगी।

पता चला प्रभारी डॉ. राकेश पासी किसी मीटिंग में थे। एक घंटे इंतजार किया पर डॉ. पासी नहीं आ सके। बाद में पूछा तो डॉ. पासी ने बताया कि मेडिकल विभाग की गाड़ी रोजाना जयपुर जाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन ला रही है। एक-दो दिन में मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने से थोड़ा वाइब्रेशन जरूर आया है, लेकिन कमी वाली स्थिति नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को एक दिन पहले महज एक हजार इंजेक्शन ही मिले। इधर, निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन इंजेक्शन लिखी पर्चियां लेकर बाजारों में घूमते नजर आ रहे हैं।

वैक्सीन अभियान- 65 हजार डोज मिली, 45+ उम्र के 6 लाख लोग अभी भी बाकी
यह वैक्सीनेशन साइट है लेकिन इस समय वैक्सीनेशन करवाने ज्यादा लोग नहीं है। पूछा तो मौजूद लोगों ने बताया, सुबह काफी भीड़ थी और वैक्सीनेशन के लिए दोपहर में लोग कम ही आते हैं। डिस्पेंसरी में पूरे दिन में 265 लोगों को वैक्सीन लगी है। इनमें से 45 से 60 वर्ष की उम्र वालों को 89 डोज व शेष 176 डोज 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को लगी है। आरसीएचओ कौशल दवे के अनुसार, 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के करीब 10 लाख 45 हजार में से अब तक करीब 4.05 लाख लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।

हाल ही में मिली 40 हजार डोज में से करीब 15 हजार विभाग के पास पड़ी है। डोज मंगवाने के लिए गाड़ी भेज दी गई है। संभवतया दो दिन में वैक्सीन की एक और खेप जोधपुर पहुंच जाएगी। इसी गति से कार्य चलता है तो अगले एक माह में 45 से ज्यादा उम्र वालों का वेक्सीनेशन पूरा हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को शनिवार के दिन 65 हजार वैक्सीन की डोज मिल गई हैं।

श्मशान में तैयारियां- हालात अभी तो ठीक, मगर मौतें पिछले साल से 200 ज्यादा हुईं
कोरोना संक्रमण को लेकर अन्य शहरों के मुकाबले जोधपुर में हाहाकार कम है, लेकिन हम नहीं सुधरे तो हालात बिगड़ने में भी वक्त नहीं लगेगा। विभिन्न अस्पतालों व सूचनाओं पर नगर निगम में दर्ज मृत्यु पंजीयन रजिस्टर में पिछले साल एक मार्च से 15 अप्रैल को कुल मौत का आंकड़ा 600 से ज्यादा था, लेकिन वर्ष 2021 में एक मार्च से 15 अप्रैल तक यह 800 से पार निकल चुका है।

भास्कर रिपोर्टर ने सिवांची गेट, कागा, भदवासिया और चांदपोल श्मशान में अंतिम संस्कार करने वाले समाज के कार्यकर्ताओं और दाह संस्कार करवाने वालों (नाथ) से बातचीत की। दाह संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध करवाने वालों ने भी कहा कि रोज 2-3 दाह संस्कार हो रहे हैं, लेकिन सिवांची गेट पर 40 से 45 समाज के श्मशान घाट पर रोज 8 से 10 अंतिम संस्कार होने लगे हैं। अधिकतर समाज कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार की गाइडलाइन की पूरी पालना कर रहे हैं।




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