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तीसरी लहर:सरकारी अस्पतालों के 67 फीसदी वेंटिलेटर पीडियाट्रिक में बदलेंगे, बच्चों के लिए वेंटिलेटर की कमी को ऐसे दूर करेंगे

 



 भोपालएम्स और आईआईटी कानपुर का अनुमान है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त अंत तक आ सकती है। इसका ज्यादा असर बच्चों पर पड़ने की संभावना है। इसी से निपटने के लिए प्रदेश में इंतजाम जुटाने शुरू हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 1372 नए ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाने शुरू हो गए हैं। यदि बच्चे गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं तो उनके लिए 1568 वेंटिलेटर रिजर्व रहेंगे।

वयस्क मरीजों के 2112 वेंटिलेटर्स में से 67% यानी 1407 को पीडियाट्रिक वेंटिलेटर में बदला जाएगा। यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय की तीसरी लहर की तैयारियों और कोविड अनुकूल व्यवहार का महत्व रिपोर्ट से मिली है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जा चुकी है। इसके मुताबिक 30 जिला अस्पतालों में सितंबर तक कोविड संक्रमित बच्चों के लिए 30 नए पीडियाट्रिक आईसीयू खोले जाएंगे। इनमें 200 बेड होंगे। जबकि 20 जिलों के 320 ऐसे बेड पहले से रिजर्व रहेंगे।

3814 पीडियाट्रिक बेड बढ़ाएंगे
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालाें में काेराेना की तीसरी लहर में बच्चाें के इलाज के लिए 3814 पलंग बढ़ाए जाएंगे। यह सभी बेड ऑक्सीजन सपाेर्टिड हाेंगे। इससे राज्य के अस्पतालाें में काेविड संक्रमित बच्चाें के इलाज के लिए उपलब्ध पलंगाें की संख्या 14013 से बढ़कर 17 हजार 827 हाे जाएगी

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