शिवपुरी कृषि विकास एंव किसान कल्याण विभाग में किसानों को सरकार की योजना के तहत कृषि यंत्रों पर अनुदान मिलना मुश्किल हो गया है। कृषि अभियांत्रिकी के अधिकारी के कहने पर किसानों ने ऑनलाइन आवेदन कर कृषि यंत्र खरीद लिए। बाद में कई किसानों के आवेदन निरस्त कर दिए गए जिससे किसानों को सब्सिडी नहीं मिल सकी।
किसानों ने मामले में कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय स्तर तक शिकायतें की हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों के कहने पर उन्होंने कृषि यंत्र खरीद लिए। जब सब्सिडी मिलने की बारी आई तो कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी ने आवेदन ही निरस्त कर दिया। इस कारण उन्हें योजना के तहत सब्सिडी नहीं मिल पाई है। कुछ किसानों का कहना है कि अधिकारी भौतिक सत्यापन समय पर नहीं कर पाए। इसलिए आवेदन ही निरस्त कर दिया। कुल मिलाकर कृषि अभियांत्रिकी में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। किसानों के अनुसार अधिकारी उन्हें योजना के लाभ से वंचित रख रहे हैं।
पुराने ट्रैक्टर की आरसी ऑनलाइन नहीं, 44 हजार की सब्सिडी नहीं मिली
किसान ओमकार रघुवंशी पुत्र अमोल सिंह निवासी ग्राम खरैह तहसील बदरवास ने कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय भोपाल लिखित शिकायत भेजी है। किसान का कहना है कि उसने ऑनलाइन आवेदन करके एक रोटावेटर खरीदा है। पोर्टल पर सभी दस्तावेज अपलोड कर दिए। दरअसल ट्रैक्टर तीस साल पुराना है, इस कारण ऑनलाइन आरसी नहीं आ सका। मेरा सहमति पत्र नोटरी कराकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया। फिर भी सहायक कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी के अधिकारी ने मेरा आवेदन निरस्त कर दिया। किसान 44 हजार रुपए की सब्सिडी से वंचित हो गया है।
जिस मशीन पर पूरे मप्र में सब्सिडी मिली, उसमें अफसर ने कमी बता दी
किसान वीरेंद्र सिंह रघुवंशी निवासी ग्राम वहगवां ने शासकीय अनुदान योजना के तहत रिजफेरो प्लांट का पंजीयन 17 जुलाई 2019 को कराया था। पंजीयन के देयर क्रमांक 102 में रिजफेरा मशीन खरीद ली थी। किसान ने प्लांटर के लिए अपना कृषि अंश का भुगतान नेफ्ट के जरिए कर दिया था। पंजीयन में किसी तरह की आपत्ति नहीं थी लेकिन भौतिक सत्यापन के लिए अधिकारी नहीं आ पाए। अपनी इस गलती की वजह से आवेदन ही निरस्त कर दिया है। करीब 38 हजार की सब्सिडी से वंचित रह गया। जिस मशीन पर पूरे मप्र में सब्सिडी किसानों को मिल चुकी है, उसमें शिवपुरी के अधिकारी ने कमी बता दी।
भौतिक सत्यापन करना भूले, तो आवेदन ही निरस्त कर दिया
किसान शिवराज सिंह यादव ने अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करके अनाज साफ करने वाला विनोविंग फेन खरीद लिया। 4 मार्च 2020 को किसान द्वारा भौतिक सत्यापन भी कराया गया। बातचीत के बाद अधिकारी के कहने पर अतिरिक्त पैमेंट का डीडी बनवा दिया। लेकिन विभाग ने केस 28 जुलाई 2020 को रिजेक्ट कर दिया। किसान का कहना है कि अधिकारी को भौतिक सत्यापन का ध्यान ही नहीं रहा। अधिकारी ने आवेदन ही निरस्त कर दिया। इस तरह किसान को 29 हजार 940 रुपए की सब्सिडी राशि नहीं मिल पाई है।
कुछ किसान ऐसे जिन्हें 50% की जगह 40% सब्सिडी राशि मिली
खरैह गांव केक किसान अरविंद रघुवंशी द्वारा अनुदान योजना के तहत स्प्रे पंप खरीदे थे। जिसमें 50 फीसदी सब्सिडी राशि मिलने वाली थी। लेकिन बाद में अधिकारियों ने दस प्रतिशत सब्सिडी कम करा दी। जिससे किसान को 40% सब्सिडी राशि मिल पाई। किसान को 38 हजार की जगह 29 हजार रु. ही मिले। इसी तरह खरै के प्रदीप रघुवंशी के संग भी यही हुआ।
किसानों के आवेदन सही हैं तो लाभ दिलवाएंगे
किसान ओमकार रघुवंशी के प्रकरण को पूरी तरह नहीं देख पाया हूं। आवेदन क्यों निरस्त हुआ है, डिटेल से समझूंगा। यदि किसानों के आवेदन सही हैं तो उन्हें लाभ दिलवाएंगे।
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