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वृद्धा बोली- बेटे की मौत के बाद बहू ने घर से निकाला

नपा में मृत बताकर पेंशन भी बंद कराई:80 साल की वृद्धा बोलीं- साहब! मैं मरी नहीं, जिंदा हूं...

 बेटे की मौत के बाद बहू ने घर से निकाल दिया, और नगर पालिका के दस्तावेजों में मृत दर्ज कर दिया। ऐसे में पेंशन बंद होने से वृद्धा की माली हालत खराब है और वह अपनी विधवा बेटी के साथ संघर्ष कर रही है। गोना बाई ने बताया कि लड़के की मौत के बाद बहू ने घर से निकाल दिया और कह दिया यदि घर वापस आई तो टांगे तोड़ दूंगी। अब बूढ़ी गौना बाई सिद्धेश्वर पर रहने वाली अपनी विधवा बेटी बसंती के यहां रहकर गुजर बसर कर रही है।

80 वर्ष की गौना बाई स्वाभिमानी इतनी है कि वह इस उम्र में भी भीख मांगने की जगह मंदिर पर काम करके अपने लिए 2 जून की रोटी जुटा रही हैं। गौना बाई प्रतिदिन सुबह 9 बजे छतरी रोड स्थित इच्छापूर्ण मंदिर पर पहुंच जाती है और वहां साफ-सफाई और अन्य काम कर 6 बजे तक वहीं रहती हैं जिसके बदले उसे प्रतिमाह 1500 रुपए मिलते हैं। और इन्हीं 1500 रुपए से वह अपनी विधवा बेटी के घर गुजर बसर कर रही हैं।

गौना बाई से जब पूछा गया कि इतनी उम्र होने के बाद भी बुजुर्ग पेंशन का लाभ उसे क्यों नहीं मिल रहा तो उसका कहना था कि पहले उसे पेंशन मिलती थी लेकिन अब नपा के रिकॉर्ड में वह मृत है इसलिए उसकी पेंशन बंद है। तमाम ऑफिसों के चक्कर लगाने के बाद भी वह स्वयं को जिंदा साबित नहीं कर पाई। इसलिए अब बिना पेंशन के वह गुजर बसर करने मजबूर हैं।

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