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सरकारी अस्पताल में मां का बीपी मापने मरीज को खुद खरीद कर लानी पड़ी मशीन, पर्चा खोए, बिना उपचार लौटे कई मरीज

 


शिवपुरी जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही, अनसुनी और मरीजों सहित उनके परिजनों से दुर्व्यवहार का मामला एक बार फिर सामने आया है। पिछले हफ्ते करीब दो दर्जन मरीजों के पर्चे खोने के कारण उन्हें उपचार नहीं मिल पाने का मामला अभी लोग भुला भी नहीं पाए हैं, उससे पहले ही एक बार फिर मरीजों के पर्चे खोने के कारण उन्हें उपचार नहीं मिलने का मामला सामने आया है। हालात यह हैं कि एक महिला मरीज कुसुम चिराढ़ के परिजनों को तो नर्सों द्वारा बीपी नहीं लिए जाने से परेशान होकर बाजार से 2 हजार रुपए की बीपी मशीन खरीद कर लानी पड़ी। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण डॉक्टर द्वारा पर्चा क्लोज कर दिए जाने के कारण उपचार न मिलने पर बिना उपचार ही लौटना पड़ा।

इस वार्ड से उस वार्ड में करते रहे रैफर
कुसुम को 16 नवंबर को बीपी संबंधी परेशानी होने के बाद जिला अस्पताल में दिखाया गया। मरीज को दवाएं दी गईं, लेकिन जब कोई फायदा नहीं हुआ और 18 तारीख को एक बार फिर उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया। 18 को वहीं उसका इलाज चला, 19 को उसे नीचे वाले फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया। वहीं उसका दिन भर इलाज चला लेकिन रात को एक बार फिर से तबीयत खराब हो गई तो कुसुम के बेटे ने नर्सिंग स्टाफ से गुहार लगाई कि मां का बीपी चेक कर लो लेकिन कई बार कहने के बाबजूद नर्सिंग स्टाफ ने बीपी चेक नहीं किया। अंततः मरीज का बेटा बाजार से मशीन खरीद कर लाया। सुबह जब डॉक्टर के राउंड के समय पर्चा तलाश किया तो मरीज के परिजन यहां से वहां पर्चा तलाशते घूमते रहे, लेकिन पर्चा नहीं मिला, इस कारण मरीज को उपचार नहीं मिल पाया। बहुत देर बाद पता चला कि डॉक्टर ने पर्चा क्लोज कर दिया है, नर्सिंग स्टाफ उपचार देने तैयार नहीं हुआ और मरीज को बिना उपचार ही घर पर रवानगी डालनी पड़ी।

जहर खाकर आए मरीज का भी पर्चा हुआ गुम
जहर खाने के बाद जिला अस्पताल के मेडीकल वार्ड में भर्ती हुए मरीज राकेश सेन निवासी बैराड़ का भी पर्चा डॉक्टर के राउंड के समय गुम हो गया था। ऐसे में उसे भी उपचार नहीं मिल पाया। यही हाल कल रात को आईसीयू में भर्ती हुए मरीज ओम प्रकाश पुत्र हरिशंकर ओझा के साथ हुआ।

इंचार्ज नर्स करिश्मा का कहना है कि मैं पर्चे दिखवा लेती हूं, पर्चे यहीं कहीं होंगे, मरीजों को उपचार मिल जाएगा। मैं इस बात से इंकार नहीं कर रही कि लापरवाही नहीं है, लेकिन कुछ लापरवाही मरीजों की भी होती है। बीपी मशीन मैंने खुद लाकर यहां रखवाई हैं। मैं पता करती हूं क्या मामला है।

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