अमोला के सलैया गांव के करने वाले आनंद शर्मा काे चाेरी की सूचना पुलिस काे देना भारी पड़ गया है। दो दिन पहले गांव के कुछ लोगों को फोरलेन पर लगी लोहे की जालियां चुराते हुए उसने देखा था। उसने जालियाें काे वहीं पर एक हाेटल के पास विरोध करते हुए रखवा दिया था। पुलिस ने तो ध्यान नहीं दिया, लेकिन आरोपियों ने रात में आनंद पर जानलेवा हमला कर दिया। आनंद उस समय पिता केशव प्रसाद शर्मा के साथ देव स्थल से दर्शन कर घर लौट रहा था
आनंद की माने तो उसने थाना प्रभारी अमित चतुर्वेदी को फोन पर बताया था कि उसे जान से मारने की धमकी मिली है। उसे घर तक छुड़वा दें। जब वे बाइक से वापस अपने घर आ रहे थे तो ट्रैक्टर से आए दिनेश लोधी, कदम लोधी, पदम सिंह गुर्जर सहित 8-10 लोगों ने उन पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया। उसने बचने की कोशिश की तो उन्होंने सरिए से हमला किया। उनके गिरते ही सभी ने पिता और मुझ पर हमला कर दिया। पुलिस ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि जब आनंद को फोन पर धमकी दी गई तो वह घर पर था।
कट्टे के संग खींचे फोटो, रिपोर्ट न करने की दी धमकी
आनंद का आरोप है कि थाना प्रभारी अमित चतुर्वेदी ने रात को उसके फोटो एक कट्टे के साथ खिंचवाए हैं और शुक्रवार की सुबह उसे फोन लगाया व कहा कि अगर तुमने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई तो तुम्हारे खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। हालांकि थाना प्रभारी चतुर्वेदी इस आरोप को पूर्णतः मिथ्या बता रहे हैं।
ट्रैक्टर से कुचल कर हत्याकर, दुर्घटना दर्शाने का था षड़तंत्र
आनंद के साथ अस्पताल में मौजूद उसके परिजनों व रिश्तेदारों ने भी पुलिस पर लापरवाही का आरोप मढ़ा है। उनका कहना है कि अगर पुलिस समय रहते चोरी की सूचना पर ही कार्यवाही कर देती तो यह गंभीर घटनाक्रम ही घटित नहीं होता। उनका कहना है कि आरोपियों ने फुल प्रूफ षड्यंत्र रचते हुए आनंद की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या करने का विचार बनाया था, ताकि बाद में उसे सिर्फ दुर्घटना बताया जा सके।
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