पुराने रोड़वेज बस स्टेंड की भूमि जिला प्रशासन द्वारा हाउसिंग बोर्ड को लीज पर दे दी गई है। इस जमीन पर वर्षो से लगभग आधा सैकड़ा दुकानदार स्टॉल रखकर व्यापार चला रहे हैं। उक्त जमीन हाउसिंग बोर्ड को लीज पर दिए जाने के पश्चात नगर पालिका ने उक्त दुकानों को हटाने के लिए संबंधित दुकानदारों को नोटिस दे दिए हैं।
नोटिस में दुकानदारों को तीन दिन के अंदर अपना स्टॉल नगर पालिका के सुपुर्द करने को कहा गया है। नगर पालिका ने दुकानदारों को अल्टीमेटम दिया है कि निर्धारित अवधि में स्टॉल हटाकर जमीन का कब्जा नगर पालिका को नहीं सौंपा गया तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में दुकानदारो का कहना था कि पुराने बस स्टेंड में रोड साईड की दुकान संचालित करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि उक्त जमीन पर नगर पालिका ने दुकानें बनाकर उन्हें देने का आश्वासन दिया था और इस आश्वासन पर पूर्व नपाध्यक्ष राधा गर्ग के कार्यकाल में दुकानदारों के 30-30 हजार रूपए नगर पालिका में जमा है। ऐसी स्थिति में उन्हें कैसे उक्त जगह से बेदखल किया जा सकता है। इन्ही जमा रशीदो को लेकर दुकानदार नगर पालिका सीएमओ के पास गए और अपनी बात रखी। सीएमओ अवस्थी ने उनकी बात गंभीरता से सुना लेकिन एडीएम ने उनकी बात को काई वजन नही दिया।
कोर्ट ने दी 40 दुकानदारो को राहत,अब निकालना होगा बीच का रास्ता
बताया जा रहा हैं कि दुकान संचालक नीेलश सिकरवार व राकेश जैन ने नगरपालिका द्धवारा दिए गए नोटिस के विरूद्ध अपने एडवोकेट राहुल दंडोतिया ने दावा लगवाया। यह दावा प्रथम व्यवहार उमेश भगवती की न्यायालय में लगाया,जिसमें न्यायाधीश ने सुनवाई करने तथा उनके द्धवारा पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर हुए वादियो को स्टे दिया हैं। साथ ही अग्रिम सुनवाई करने के लिए नपा को नोटिस जारी कर दिया।
नई कलेक्ट्रेट बनाने के लिए हाउससिंग बोर्ड ने दिया हैं 23 करोड
नई कलेक्ट्रेट को बनवाने प्रशासन ने हाउसिंग बोर्ड से यह सौदा कर लिया कि पुराने बस स्टैंड की जमीन लेने के बदले में नई कलेक्ट्रेट बनाकर देगा। इसकी सभी दस्तावेजी तैयारी पूरी कर ली गई और बहुत जल्द नई कलेक्ट्रेट बनाने का काम हाउसिंग बोर्ड शुरू कर देगा। पीआइयू ने नई कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग का नक्शा आदि भी तैयार करके शासन को भेज दिया।
नई कलेक्ट्रेट बनाने के लिए 23 करोड रूपए का खर्चा आ रहा हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च करने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है, इसलिए यह सौदा तय किया कि नई कलेक्ट्रेट को बनाने में आ रहे 23 करोड़ रुपए के खर्चे को हाउसिंग बोर्ड वहन करेगा, लेकिन उसके बदले में पुराने रोडवेज की जमीन हाउसिंग बोर्ड को दे दी जाएगी।
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