विश्व एड्स दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में विश्व एड्स दिवस कार्यक्रम पर परिचर्चा का आयोजन गत दिवस टूरिस्ट विलेज में किया गया। उक्त परिचर्चा में डॉ. पवन जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उपस्थित अधिकारी एवं कर्मचारियों को एड्स कार्यक्रम के निर्धारित लक्ष्य के बारे में जानकारी देते हुए अवगत कराया कि वर्ष 2030 तक एचआईव्ही संभावित लोगों में से 95 प्रतिशत लोगों को उनकी एच.आई.व्ही. अवस्था का ज्ञान होना चाहिए। वर्ष 2030 तक समस्त एचआईव्ही संक्रमित लोगों में से 95 प्रतिशत लोगों को ए.आर.टी. उपचार सुनिश्चित करना, उनके वायरल लोड का दमन होना चाहिए एवं इस वर्ष की थीम "असमानताओं को समाप्त करें, एड्स को खत्म करें, महामारी समाप्त करें" से अवगत कराया। उन्होंने उपस्थित स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले को बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला की एचआईव्ही की जांच शत्-प्रतिशत की जावें। प्रत्येक एचआईव्ही पॉजीटिव मरीज़ को शत्-प्रतिशत ए.आर.टी. सेंटर से लिंक कराया जावे।
इस परिचर्चा में राहुल गुप्ता, डाटा मैनेजर एवं नित्यप्रकाश मिश्रा, काउन्सलर द्वारा पावर पॉइंट प्रजेंटशन के द्वारा उपस्थित लोगों को शिवपुरी जिले की एचआईव्ही/एड्स कार्यक्रम में आई.सी.टी.सी. सेंटर एवं एफ.आई.सी.टी.सी. सेंटर, एस.टी.आई. क्लीनिक एवं ए.आर.टी सेंटर में दी जाने वाली आवश्यक सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा बताया गया कि ए.आर.टी. सेंटर पूरे मध्यप्रदेश में सिर्फ 18 सेंटर है जिसमें से एक सेंटर शिवपुरी में वर्ष 2015 में स्थापित किया गया है। तीन अन्य जिले गुना, अशोकनगर एवं श्योपुर को ए.आर.टी. सेंटर शिवपुरी से लिंक किया गया है। ए.आर.टी. सेंटर में एचआईव्ही मरीज़ को पंजीकृत कर उसका जांच एवं उपचार प्रारंभ किया जाता है।इस परिचर्चा में महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार सुन्दरयाल, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.एस. चौहान, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय ऋषिश्वर, समस्त ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर, समस्त सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग, एड्स कार्यक्रम के कर्मचारी उपस्थित रहे।
0 टिप्पणियाँ