मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिंगरौली जिले में पदस्थ एक पुलिस आरक्षक की याचिका पर एसपी सिंगरौली के उस आदेश को अनुच्छेद घोषित करते हुए निरस्त कर दिया जिसमें उन्होंने बिना नोटिस दिए पुलिस कर्मचारी की एक वेतन वृद्धि रोक दी थी।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एसपी ने सिपाही को क्यों दंडित किया था, पढ़िए
सिंगरौली जिले में पदस्थ आरक्षक अमर बागरी की ओर से याचिका दायर कर अधिवक्ता जीआर साकेत ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि एसपी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ चार्जशीट जारी की। इसमे आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने झुरही चौकी में पदस्थ रहते हुए पुलिस की बदनामी की नीयत से चौकी की कार्रवाई की सीडी बनाकर प्रेस, इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया को दी।
मध्य प्रदेश पुलिस के आईजी और डीजीपी ने भी एसपी के आदेश की पुष्टि की थी
चार्जशीट के आधार पर 23 सितंबर, 2017 को उसकी वेतनवृद्धि रोकने का आदेश जारी कर दिया गया। इसकी कोई पूर्व सूचना उसे नहीं दी गई। इसके बाद आईजी ने 13 अगस्त, 2018 को और डीजीपी ने 14 जनवरी, 2019 को इस आदेश को पुष्ट करते हुए आदेश जारी किए। इन सभी आदेशों को याचिका में चुनौती दी गई। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त सभी आदेश निरस्त कर दिए।
0 टिप्पणियाँ