स्वास्थ्य विभाग द्वारा 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर 09 से 23 मई तक डेंगू जागरूकता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। डेंगू जागरूकता पखवाड़ा के अंतर्गत आमजन को डेंगू से बचाव संबधी जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ शपथ समारोह एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन जिले के विकासखंडो से ग्राम स्तर तक किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन ने बताया कि प्रति वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम "Dengue in Preventable: Let's join hands" अर्थात ‘‘डेंगू रोकथाम योग्य है, चलो इसकी रोकथाम के लिये हाथ मिलाये’’ रखी गई है। उन्होंने बताया कि डेंगू जागरूकता हेतु अंतरविभागीय समन्वय के साथ-साथ जिले के समस्त विकासखंडो एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी डेंगू दिवस के अवसर पर डेंगू से बचाव हेतु कार्यवाही की जायेगी तथा आशा कार्यकर्ता द्वारा डेंगू से बचाव हेतु ग्राम स्तर तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें ग्राम स्तर पर नारे लेखन, आमजन को सात दिवस के अंदर अपने घर व आसपास जमा पानी में लार्वा रोकने संबंधित जानकारी अवगत कराकर पम्पलेट वितरित किये जायेगे।जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. संजय ऋषीश्वर द्वारा डेंगू से नियंत्रण एवं बचाव हेतु एडवाइजरी के अंतर्गत डेंगू के लक्षण, उपचार तथा नियंत्रण की जानकारी दी गई।
उन्होंने एडवाइजरी में बताया है कि डेंगू डेन नामक वायरस से फैलने वाला रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर प्रायः दिन में सक्रिय रहकर लोगो को काटता है, डेंगू का कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। ऐडीज मच्छर से बचाव व संकमित मच्छरो के लार्वा का विनिष्टीकरण ही मात्र इसका उपाय है। शरीर में डेन वायरस का संकमण होने पर डेंगू बुंखार के लक्षण 4-6 दिन में प्रगट होते है इससे घबराने की आवश्यकता नही है इस अवस्था में रोगी को तत्काल पास के अस्पताल में जॉँच करायें तथा रोगी को मच्छरदानी में आराम करने व जल उपचार जैसे नीबू पानी, ओ.आर.एस., नारियल पानी, ग्लूकोज इत्यादि के द्वारा शरीर में जल आपूर्ति करने की सलाह दी जाती है।
सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, ऑखों में पीछे व शरीर में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, जोड़ो व पेशियों में दर्द इत्यादि होता है। जब डेंगू घातक अवस्था में पहुँचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसूडों व आंतो से रक्त सराव होना तथा खून में प्लेटेट का काम होना लक्षण पाये जाते है। इसमें तत्काल मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार सलाह लेनी चाहिये।
डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लार्वा घर व आसपास भरे हुये साफ पानी में पनपते है। इनसे बचाव के लिये घरो में लंबे समय तक बर्तन में जल संग्रह न होने दें, कूलर का पानी साफ कर पुरानी घास जला दें क्योकि पुरानी घास में डेंगू मच्छर के अंडे जीवित बने रहते है कूलर व अन्य जल पात्रों में भरा पानी सप्ताह में एक बार जरूर खाली करें। घर के अंदर रखे बर्तनों पक्षियों के सकोरे व मवेशियों को पानी पिलाने की टंकिया गमले, टूटा फूटा व अन्य कंटेनरों की साफ-सफाई रखें घर के आसपास पानी जमा न होने दे, पानी की निकासी की व्यवस्था करें, निकासी न होने पर उनमे जला हुआ तेल, केरोसिन डाल दें । संक्रमण काल के समय स्कूलों के बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाये, घर के दरवाजों, खिडकी पर जाली लगाकर मच्छरों को रोका जा सकता है। साथ ही घर में मच्छर भगाने वाली रिपलेन्ट का उपयोग अवश्य करें तथा सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगायें।
जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया है कि डेंगू को खत्म करने के लिए हमें अपने घर से शुरुआत करनी पढेगी घर मे जमा पानी की निकासी व मच्छर से बचाव के तरीके अपनाने होंगे इसमें जन सहयोग आवश्यक है।
0 टिप्पणियाँ