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MP : मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव में आरक्षण का निर्धारण कैसे होगा

 


ग्राम पंचायत में जितने भी वार्ड हैं उनकी संख्या को 100% माना जाएगा। सबसे पहले एससी-एसटी को आरक्षण देंगे और फिर जितना भी बचेगा सब ओबीसी को। सरपंच पद के चुनाव में जनपद पंचायत के अंतर्गत कुल ग्राम पंचायतों की संख्या को 100% माना जाएगा। उदाहरण- किसी जनपद पंचायत में 28 ग्राम पंचायत हैं तो 14 ग्राम पंचायतों का आरक्षण सरकार द्वारा निर्धारित फार्मूले से होगा। 


यदि ओबीसी की आबादी 14% से कम है तो कितना आरक्षण 

यदि पंचायत में अन्य पिछड़े वर्ग की जनसंख्या मात्र 14 प्रतिशत है, तो अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी के मान से मात्र 2 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र ही आरक्षित किए जाना है। ऐसी स्थिति में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए केवल 2 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र ही आरक्षित किये जा सकेंगे। इससे अधिक नहीं इस प्रकार ऐसे निकाय में कुल आरक्षण 27 प्रतिशत होगा।

यदि ओबीसी आबादी अधिक है तो कितना आरक्षण मिलेगा

यदि किसी पंचायत में 20 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र हैं और उस पंचायत में अनुसूचित जाति वर्ग का 1 व अनुसूचित जनजाति वर्ग का 1 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित है। इस प्रकार 20 वार्डो या निर्वाचन क्षेत्रों में से कुल 2 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जो कुल 20 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्रों का 10 प्रतिशत है, तो ऐसे में यदि पंचायत में अन्य पिछड़े वर्ग की जनसंख्या 47 प्रतिशत है, तो भी अन्य पिछड़े वर्ग के लिए अधिकतम 35% या 07 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित होंगे। इस प्रकार ऐसी पंचायत में कुल 9 वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित होंगे और कुल आरक्षण 45 प्रतिशत होगा।

आदिवासी इलाकों में ओबीसी को कितना आरक्षण मिलेगा 

अनुसूचित क्षेत्र (शेड्यूल्ड एरिया) में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण स्थानों (वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र) की कुल संख्या के आधे से कम नहीं होगा तथा सरपंच या अध्यक्ष के समस्त पद अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के लिए आरक्षित रहेंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में शेड्यूल एरिया में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए कोई भी पद या स्थान आरक्षित किया जाना कानूनन संभव नहीं होगा। सरल शब्दों में, आदिवासी इलाकों में ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।

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