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शिवपुरी : ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कालोनियां काट रहे माफिया, अभी तक तैयार नहीं हुई सूची

 


 शहर में कुछ चुनिंदा कालोनियों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी कालोनियां अवैध रूप से ही काटी गई हैं और अब भी लगातार अवैध रूप से ही काटी जा रही हैं। करीब एक महीने पहले हुई पिछली समीक्षा बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने निर्देश दिए थे कि 15 दिन में अवैध कालोनियों की सूची तैयार कर उन्हें दी जाए। इसके बाद प्रशासनिक अमला इसे तैयार करने में जुट गया, लेकिन प्रभारी मंत्री की सख्ती पर अधिकारियों के तेवर कुछ नरम नजर आ रहे हैं। एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद सूची तैयार नहीं हो पाई है।

पिछले चार सालों में दोगुनी हुई अवैध कालोनियां

अधिकारियों का कहना है कि कुछ पटवारियों से प्रमाणीकरण आना है। हालांकि विभागीय सूत्रों की मानें तो अवैध कालोनियों की संख्या चिन्हित की जा चुकी है। शिवपुरी शहरी में 130 से अधिक तो ग्रामीण में करीब पौने दो सौ कालोनियां अवैध चिन्हित की गई हैं। इससे साफ पता चलता है कि अब भू-माफिया शहरी क्षेत्र में अवैध कालोनियों काटने के बजाए इससे सटे हुए ग्रामीण क्षेत्र में कालोनी बना रहे हैं। पिछले चार सालों में ही अवैध कालोनियों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। पिछले कुछ समय में दर्जनभर से अधिक अवैध कालोनाइजरों पर एफआइआर के आदेश भी हुए हैं, लेकिन भू-माफिया पर इसका कोई असर नहीं है। अवैध कालोनाइजरों की नई सूची में कई रसूखदारों के नाम शामिल हैं। इसमें कुछ सत्तापक्ष से जुड़े लोग भी हैं। पटवारियों द्वारा इनके दबाव में कालोनी काटते वक्त रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है।

अवैध कालोनियों का खामियाजा भुगत रहे खरीदार

कालोनी काटते वक्त कालोनाइजरों अच्छी सड़कें, बिजली, पानी आदि का वादा प्लाट खरीदने वालों से करता है, लेकिन उसका माल बिक जाने के बाद रहवासी सुविधाओं को मोहताज रह जाते हैं। जिन लोगों ने पूर्व में अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदकर घर बनवा लिए हैं या बनवा रहे हैं उन्हें अब खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कंपनी ने अवैध कालोनियों की डीपी पर नोटिस लगा दिए हैं। अवैध कालोनी में यदि 1500 स्क्वेयरफीट से अधिक का प्लाट साइज है तो इस पर कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को 88375 रुपये का भारी भरकर शुल्क चुकाना होगा। न्यूनतम 500 स्क्वयेरफीट प्लाट साइज पर भी नए कनेक्शन के लिए 34254 रुपये की राशि चुकाना होगी। अवैध कालोनी में वैध कनेक्शन के लिए 15567 रुपये प्रति किलोवाट शुल्क निर्धारित किया गया है। अब कई लोग बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। कालोनाइजर के अनुमतियां न लेने का नुकसान सीधे तौरपर रहवासी भुगतने का मजबूर हैं। यह तो सिर्फ बिजली कनेक्शन की स्थिति है। अवैध कालोनियों में नगर पालिका भी कोई विकास कार्य नहीं कर रही है। इनमें लोगों को सड़क और पानी की भी सुविधा नहीं मिल रही है।


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