( सुदामा चरित्र परीक्षीत मोक्ष के साथ संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का समापन)
बिर्रा न्यूज-बिर्रा -मां चंडी देवी की पावनधरा ग्राम बिर्रा में दुबे परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में सुदामा चरित्र परीक्षीत मोक्ष के मार्मिक चित्रण प्रसंग का वर्णन करते हुए बिलासपुर से पधारे कथा व्यास शैलेष तिवारी ने कहा कि भगवान अपने भक्तों को दुःखी देखकर स्वयं दुःखी हो जाते हैं। ऐसा ही उनके परम सखा सुदामा जी के दीनहीन अवस्था को देखकर द्वारिकाधीस श्री कृष्ण महराज दुःखी हो जाते हैं और अंततः अपनी लीला से मित्र सुदामा को द्वारिकापुरी ले आते हैं।जहां द्वारपाल उन्हें रोक लेते हैं तब सुदामा ने बताया कि वह यहां के राजा श्रीकृष्ण के परम सखा है.....अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो.....जब यह भजन शुरू हुआ तो पूरा पंडाल में शामिल सभी श्रद्धालु भक्तिमय वातावरण में झुमने लगे। और द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण चंद्र दौड़ते हुए चले आए।उन्होंने कहा कि सुदामा के जीवन में अभाव ही अभाव था लेकिन जब प्रभू के प्रति भाव रहता है न तो अभाव का प्रभाव नहीं पड़ता।
कथा श्रवण से दूर होती है व्यथा
कथा व्यास शैलेष तिवारी महराज ने राजा परीक्षित को मुनि से मिले श्राप से मुक्ति के लिए उनके सुखदेव से मिलने की कथा सुनाएं कथावाचक ने कहा कि कथा श्रवण से व्यथा दूर होती है।सात दिन बाद होने वाली मृत्यु से राजा परीक्षित चिंतित हो गए थे उसके बाद संत सुखदेव से मिलने गए वहां पर सुखदेव ने उन्हें कथा का श्रवण करने की सलाह दी।
सुदामा को द्वारपाल के अंदर जाने से मना करते द्वारपालभक्ति से होता है कल्याण
संत सुखदेव ने कहा कि भक्ति से कल्याण होता है इसलिए दुनिया से विरक्त होकर अपना मन और ध्यान भक्ति में लगाएं तभी उनका कल्याण हो सकता है कथावाचक ने बीच-बीच में संगीतमय कथा का श्रवण मास कराया जिसको सुनकर श्रद्धालु आनंदित हो उठे। कथावाचक ने आयोजक दुबे परिवार के लोगों सहित समस्त ग्रामवासियों को अपनी शुभकामनाएं दी।समापन दिवस परीक्षीत मोक्ष चढ़ोत्तरी के साथ कथा विश्राम हुआ।
श्रीकृष्ण के साथ सुदामाइनकी रही उपस्थिति
देर रात तक चले कथा में मुख्य यजमान सहोद्रा दुबे गिरिजा कुमार दुबे,विकास खंड शिक्षा अधिकारी बम्हनीडीह एमडी दीवान,छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी,हीरालाल शर्मा,दिनेश राठौर देवरी सरपंच,उमेश तेम्बूलकर,माखन राठौर, विश्वनाथ कश्यप,ताराचंद पांडे,आर के सोनी,मनोज तिवारी,जितेन्द्र तिवारी,डॉ ईश्वर प्रसाद शुक्ला,विजय थवाईत,सौखीलाल पटेल,सुरेश कर्ष,चित्रभानू पांडेय,भरत तिवारी,सरवन कश्यप,तेरस कश्यप,सहित भारी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल हुए।
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