जिस फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की गई, वह भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में है, जो कटारा हिल्स थाना इलाके में आता है। कार्रवाई के बाद भोपाल पुलिस ने इस फैक्ट्री के मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इसी मामले से जुड़े तीसरे आरोपी हरीश आंजना (उम्र 32 वर्ष) निवासी मंदसौर को भी गिरफ्तार किया है।
खास बात यह है कि गुजरात ATS और NCB की इस कार्रवाई की मध्यप्रदेश के खुफिया विभाग को खबर तक नहीं लगी। हालांकि गुजरात के मंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कार्रवाई में एमपी पुलिस ने सराहनीय मदद की है। उन्होंने इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर उनका आभार भी जताया।
फैक्ट्री में हो रहा था मादक पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम डीएसपी, एटीएस गुजरात एस.एल. चौधरी ने बताया- यह सूचना मिली थी कि भोपाल का अमित चतुर्वेदी और नासिक- महाराष्ट्र का सान्याल बाने भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री की आड़ में मादक पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) के अवैध निर्माण और बिक्री में शामिल हैं। जिसके बाद गुजरात एटीएस के सीनियर अधिकारियों को इसके बारे में बताया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
फैक्ट्री में तलाशी के दौरान कुल 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (ठोस और तरल दोनों रूप में) मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 1814.18 करोड़ रुपए है।
शनिवार को की गई थी रेड, ड्रग्स बनाने की सामग्री जब्त छापामार कार्रवाई 5 अक्टूबर को की गई थी। इस दौरान पता चला कि यहां मादक दवा मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम चल रहा था। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला करीब 5 हजार किलोग्राम कच्चा माल और उपकरण भी मिले। इनमें ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण शामिल हैं। इन सभी सामग्रियों को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
दोनों आरोपी कोर्ट में पेश, 8 दिन की रिमांड पर सौंपा गया गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए गुजरात एटीएस ने रविवार शाम को उन्हें भोपाल न्यायालय में पेश किया। पुलिस की टीम दोनों आरोपियों को रविवार को ही गुजरात ले गई। पुलिस को आरोपियों की 8 दिन की रिमांड मिली है।
ड्रग केस में तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार ड्रग केस में पुलिस ने तीसरे आरोपी हरीश आंजना (32) को भी गिरफ्तार किया है। हरीश मंदसौर जिले का रहने वाला है। वह जिले का कुख्यात तस्कर है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में पहले भी कई बार कार्रवाई की जा चुकी है।
रोजाना तैयार कर रहे थे 25-30 किलो ड्रग्स गुजरात में पकड़ाए कुछ ड्रग्स डीलर्स से गुजरात एटीएस को इस फैक्ट्री की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही गुजरात एटीएस डेढ़ महीने से फैक्ट्री पर नजर रख रखी थी। जानकारी पक्की होने पर एटीएस ने दिल्ली एनसीबी से संपर्क किया। इसके बाद संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई।
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री की मशीनें और सिस्टम इतने आधुनिक और उच्च क्षमता वाले थे आरोपी पिछले छह महीने से रोजाना 25 से 30 किलो ड्रग्स तैयार कर रहे थे। आरोपियों ने फैक्ट्री 6 महीने पहले किराए पर ली थी। फैक्ट्री के मालिक का नाम जयदीप सिंह है। 8 साल पहले फैक्ट्री को निर्माण के लिए लीज पर लिया था। फर्नीचर निर्माण के नाम पर इस जमीन को लिया गया था।
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को रविवार शाम को कोर्ट में पेश किया गया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की एमडी ड्रग्स बरामद हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और एटीएस गुजरात ने मिलकर शनिवार को एक फैक्ट्री में रेड की, जहां ड्रग्स बनाई जा रही थी। इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
जिस फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की गई, वह भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में है, जो कटारा हिल्स थाना इलाके में आता है। कार्रवाई के बाद भोपाल पुलिस ने इस फैक्ट्री के मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इसी मामले से जुड़े तीसरे आरोपी हरीश आंजना (उम्र 32 वर्ष) निवासी मंदसौर को भी गिरफ्तार किया है।
खास बात यह है कि गुजरात ATS और NCB की इस कार्रवाई की मध्यप्रदेश के खुफिया विभाग को खबर तक नहीं लगी। हालांकि गुजरात के मंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कार्रवाई में एमपी पुलिस ने सराहनीय मदद की है। उन्होंने इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर उनका आभार भी जताया।
मुख्य आरोपी पांच साल जेल में रह चुका है आरोपियों में सान्याल प्रकाश बाने (उम्र 40 वर्ष) महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है और अमित चतुर्वेदी (उम्र 57 वर्ष) भोपाल का रहने वाला है। सान्याल प्रकाश बाने को इससे पहले साल 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस स्टेशन इलाके में एक किलो एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे पांच साल की जेल भी हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने दोस्त अमित चतुर्वेदी से संपर्क किया और एमडी ड्रग्स बनाने और बेचने का प्लान बनाया।
इस योजना के अनुसार, उन्होंने सात महीने पहले भोपाल के बगरोदा गांव पास इंडस्ट्रियल एरिया में एक शेड किराए पर लिया था और पिछले छह महीनों से एमडी ड्रग्स तैयार कर रहे थे। गुजरात ATS और NCB ने शनिवार को भोपाल स्थिति फैक्ट्री में रेड के दौरान आरोपी अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी और सान्याल बाने को गिरफ्तार किया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की एमडी ड्रग्स बरामद हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और एटीएस गुजरात ने मिलकर शनिवार को एक फैक्ट्री में रेड की, जहां ड्रग्स बनाई जा रही थी। इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
जिस फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की गई, वह भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में है, जो कटारा हिल्स थाना इलाके में आता है। कार्रवाई के बाद भोपाल पुलिस ने इस फैक्ट्री के मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इसी मामले से जुड़े तीसरे आरोपी हरीश आंजना (उम्र 32 वर्ष) निवासी मंदसौर को भी गिरफ्तार किया है।
खास बात यह है कि गुजरात ATS और NCB की इस कार्रवाई की मध्यप्रदेश के खुफिया विभाग को खबर तक नहीं लगी। हालांकि गुजरात के मंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कार्रवाई में एमपी पुलिस ने सराहनीय मदद की है। उन्होंने इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर उनका आभार भी जताया।
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शनिवार को की गई थी रेड, ड्रग्स बनाने की सामग्री जब्त छापामार कार्रवाई 5 अक्टूबर को की गई थी। इस दौरान पता चला कि यहां मादक दवा मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम चल रहा था। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला करीब 5 हजार किलोग्राम कच्चा माल और उपकरण भी मिले। इनमें ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण शामिल हैं। इन सभी सामग्रियों को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
दोनों आरोपी कोर्ट में पेश, 8 दिन की रिमांड पर सौंपा गया गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए गुजरात एटीएस ने रविवार शाम को उन्हें भोपाल न्यायालय में पेश किया। पुलिस की टीम दोनों आरोपियों को रविवार को ही गुजरात ले गई। पुलिस को आरोपियों की 8 दिन की रिमांड मिली है।
ड्रग केस में तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार ड्रग केस में पुलिस ने तीसरे आरोपी हरीश आंजना (32) को भी गिरफ्तार किया है। हरीश मंदसौर जिले का रहने वाला है। वह जिले का कुख्यात तस्कर है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में पहले भी कई बार कार्रवाई की जा चुकी है।
रोजाना तैयार कर रहे थे 25-30 किलो ड्रग्स गुजरात में पकड़ाए कुछ ड्रग्स डीलर्स से गुजरात एटीएस को इस फैक्ट्री की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही गुजरात एटीएस डेढ़ महीने से फैक्ट्री पर नजर रख रखी थी। जानकारी पक्की होने पर एटीएस ने दिल्ली एनसीबी से संपर्क किया। इसके बाद संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई।
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री की मशीनें और सिस्टम इतने आधुनिक और उच्च क्षमता वाले थे आरोपी पिछले छह महीने से रोजाना 25 से 30 किलो ड्रग्स तैयार कर रहे थे। आरोपियों ने फैक्ट्री 6 महीने पहले किराए पर ली थी। फैक्ट्री के मालिक का नाम जयदीप सिंह है। 8 साल पहले फैक्ट्री को निर्माण के लिए लीज पर लिया था। फर्नीचर निर्माण के नाम पर इस जमीन को लिया गया था।
ड्रग केस में पुलिस ने तीसरे आरोपी हरीश आंजना (उम्र 32 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया है।
फैक्ट्री में बिना फेस मास्क दम घुटने लगा पुलिस के मुताबिक, अमित और सान्याल की इस फैक्ट्री में बिना फेस मास्क के जाना संभव नहीं था। कि यहां रोज 25-30 किलो एमडी ड्रग्स का उत्पादन होता था। जांच के लिए पहुंची टीम ने फैक्ट्री में एंट्री को तो कुछ ही देर बाद दम घुटने लगा। इसके बाद केमिकल रेजिस्टेंस मास्क मंगवाए गए, जिन्हें पहनकर टीम ने जांच की।
मुख्य आरोपी पांच साल जेल में रह चुका है आरोपियों में सान्याल प्रकाश बाने (उम्र 40 वर्ष) महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है और अमित चतुर्वेदी (उम्र 57 वर्ष) भोपाल का रहने वाला है। सान्याल प्रकाश बाने को इससे पहले साल 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस स्टेशन इलाके में एक किलो एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे पांच साल की जेल भी हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने दोस्त अमित चतुर्वेदी से संपर्क किया और एमडी ड्रग्स बनाने और बेचने का प्लान बनाया।
इस योजना के अनुसार, उन्होंने सात महीने पहले भोपाल के बगरोदा गांव पास इंडस्ट्रियल एरिया में एक शेड किराए पर लिया था और पिछले छह महीनों से एमडी ड्रग्स तैयार कर रहे थे। गुजरात ATS और NCB ने शनिवार को भोपाल स्थिति फैक्ट्री में रेड के दौरान आरोपी अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी और सान्याल बाने को गिरफ्तार किया।
जिस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ, उसके मालिकों के खिलाफ भोपाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
फैक्ट्री के मालिकों पर भी केस दर्ज
भोपाल में गुजरात एटीएस ने जिस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया, उस फैक्ट्री के मालिकों एसके सिंह और जयदीप सिंह के खिलाफ भोपाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जिस प्लाट पर टीन शेड में संचालित फैक्ट्री चल रही थी, वो औद्योगिक प्लाट साल 2017-18 में उद्योग विभाग ने अलॉट किया था। जो साल 2022 में बनकर तैयार हुए।
एमपीआईडीसी के डेटा के अनुसार यह प्लॉट मेसर्स वास्तुकार प्रोप्राइटर के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसका मालिक मूल रूप से जयदीप सिंह है। दो साल बाद यह प्लॉट भेल के रिटायर्ड कर्मचारी एस के सिंह निवासी भोपाल को बेच दिया गया था। उसने 6 महीने पहले अमित चतुर्वेदी निवासी कोटरा सुल्तानाबाद को इसे किराए पर दिया था।
इसकी सूचना प्रशासन और संबंधित थाने की पुलिस को नहीं दी गई। जो नियमों का उल्लंघन है। इस पर कटारा हिल्स थाने में केस दर्ज किया गया है।
ड्रग्स प्रोसेसिंग के दौरान इसमें कई केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति को उल्टी आना, चक्कर आना, या बेहोश होकर गिरने जैसी स्थिति हो सकती है।
फैक्ट्री के अंदर काम करने वाले कारीगरों की ऊंचाई सामान्यतः 5 से 6 फीट होती है, ताकि धुआं ज्यादा ऊपर न जाए। इसका ध्यान रखते हुए वेंटिलेशन के इंडस्ट्रियल फैन ग्राउंड लेवल पर रखे जाते हैं, जो तुरंत ऐसे गैसों को बाहर निकाल देते हैं।
एटीएस की टीम जब फैक्ट्री में जांच के लिए घुसी तो कुछ ही मिनटों में उनका दम घुटने लगा। फिर तुरंत केमिकल रेसिस्टेंट मास्क मंगवाकर पहनने पड़े। इसके बाद ही फैक्ट्री की जांच संभव हो पाई।
कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल भोपाल में पकड़ाई 1800 करोड़ की ड्रग्स मामले में कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूछा कि युवा पीढ़ी को नशे में धकेलने का षड़यंत्र किसके संरक्षण में हो रहा है? जीतू पटवारी ने ये ट्वीट किया -
गुजरात के गृहमंत्री ने MP पुलिस का जताया आभार गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने गुजरात ATS और NCB दिल्ली की संयुक्त कार्रवाई के दौरान एमपी पुलिस की मदद के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन की आगे की इन्वेस्टिगेशन में भी मध्यप्रदेश पुलिस गुजरात एटीएस की निरंतर मदद कर रही है।
इस तरह के विभिन्न राज्यों तथा केंद्रीय एजेंसीज़ के समन्वित प्रयासों से ही नारकोटिक्स के विरुद्ध की लड़ाई को जीता जा सकता है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी नशे के खिलाफ हर कार्रवाई में सहयोग का भरोसा दिलाया और गुजरात के मंत्री का आभार जताया।
ड्रग्स के इस कारोबार से जुड़े अन्य लोगों को भी पहचान की जा रही है। इनमें से ज्यादातर अवैध ड्रग्स के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े हुए हैं। इन तमाम सवालों के जवाब हासिल करने के लिए गुजरात एटीएस ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया है। शुरुआती जांच में एजेंसी को करोड़ों रुपए का लेनदेन हवाला के जरिए किए जाने की जानकारी मिली है।
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