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Shivpuri News : शाखा प्रावधकों की मिली भगत से गांव के नाम से संचालित कियोश्क शाखाओं पर कोई कार्यवाही नहीं।

 जिला शिवपुरी धर्मेंद्र जाटव



भारत सरकार ने बैंकिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए गांव - गांव में कियोस्क शाखाओ को मंजूरी दी है जिससे किसी भी किसान भाई को अपना काम छोड़ कर शहर न आना पड़े और पीएम किसान सम्मान निधी, लाड़ली बहना योजना, छात्र - छात्राओं की स्कॉलरशिप व विधवा पेंशन, ब्रद्धा पेंशन जैसी योजनाओं के लाभ उपभोक्ता लोकल में प्राप्त कर सके परंतु ये शाखाएं गांव में न खुलते हुए बैराड़ में ही संचालित हो रही है। जिनमें मुख्य रूप से मध्यांचल ग्रामीण बैंक (सबसे ज्यादा कियोस्क), यूको बैंक तथा एसबीआई बैंक के अलावा अन्य बैंकों की कियोस्क शाखाएं बैराड़ में ही संचालित हो रही है। उपभोक्ता संजय रावत निवाशी ग्राम बीलवरा ने बताया की हमारे गांव के नाम कियोस्क बैराड़ में संचालित है इसलिए हमें अपना समय बर्बाद कर पैसे निकालने के लिए अम्मा और मम्मी को बैराड़ लाना पड़ता है चुकी हम किसान तो एक दिन का खेती का काम रोक कर आना पड़ता है। आशीष ककरौआ ने बताया की जब सरकार को बैराड़ ही क्योश्क खुलवानी थी तो गांव के नाम पर मंजूरी क्यों दी और किसने अपनी लोकेशन के विरुद्ध बैराड़ खोलने की अनुमति दी। आशीष ने यह भी बताया की एक तो हम अपना पैसा बर्बाद करके यहां आएं और सुविधा के नाम पर हजार रूपए पर दस रुपए अतिरिक्त बसूले जाते हैं। उक्त घटना की शिकायत हमने मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक को की लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई क्यों कि उन्ही की मिली भगत से तो कियोस्क शाखाएं चलाई जा रही हैं। धोरिया, गुरीक्षा, बरोद, खरई जालिम, ककरौआ, पटेवरी, रायपुर, टोरिया खालसा आदि गांवों के नाम से उनकी लोकेशन पर कियोस्क शाखाएं संचालित हो रही है।

 जब उक्त जानकारी की शिकायत मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक बैराड़ को दी

 तो बताया की हमारे द्वारा जो गांव के नाम पर कियोस्क शाखाएं चला रहें हैं उनको लेटर भेज दिया गया है जब लेटर की प्रति या ऑथेंटिक प्रूव हमने मांगा तो उसी बीच मध्यांचल ग्रामीण बैंक के कैशियर रविंद्र सिंह तोमर जो काफी दिनों से सिकायतों के घेरे में रहे हैं और लम्बे अरसे से बैंक में अपनी सांठ गांठ जमाए बैठे हैं, "बीच में बोले की हम लैटर आपसे पूछ कर देंगे क्या? लेटर भेज दिये तो भेज दिये,  नहीं भेजा तो ठीक आपको जो करना है सो कीजिए।" देश के चौथे स्तंभ मीडिया से इस तरह की बदसलूकी केसियर करने लगे तो आम आदमी का क्या हाल होगा बैंक में, ये सोचना वरिष्ठ अधिकारीयों को गंभीरता का विषय है। एक और शिकायत हरिबल्लव अवस्थी से पिता के देहांत के बाद खाते से नॉमिनी से कैशियर रविंद्र सिंह द्वारा रिश्वत ली जाती है जिसकी शिकायत भोपाल तक हरिबल्लब कर चुके हैं। कैशियर की अभद्रता की बीते दिनों लिखित शिकायत चरत परिहार कर चुके हैं। फिर भी क्या मजबूरी रही होगी मध्यांचल ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की आज तक कैशियर पर कोई कार्यवाही नहीं!

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