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Shivpuri News : बैंक ने जमा पैसा नहीं दिया तो टूट जायेगी बेटी की शादी

बैंक ने जमा पैसे नहीं दिए तो बेटी की टूट जायेगी शादी, शादी का कार्ड लेकर कलेक्टर के पास पहुंचा पिता, बोला - 6 फरवरी की हैं शादी, कार्ड भी बटे 

- सहकारिता बैंक में हुए 100 करोड़ से ज्यादा घोटाले से जनता परेशान 

- केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी सीएम से मांग चुके हैं मदद  

शिवपुरी जिले में सहकारिता बैंक में हुए 100 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का दंश जिले की जनता को झेलना पड़ रहा हैं। इस बैंक के जिनके बैंक खाते हैं उन खाता धारकों को जमा पूंजी जरुरत पड़ने पर भी बापस नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में पैसा न मिलने पर कई बीमार लोग अपना इलाज नहीं करा पाए हैं तो कई शादियां अब तक पैसों की बजह से टूट गई हैं। इसी क्रम एक पिता को बेटी की शादी के लिए सहकारिता बैंक में जोड़ा गया पैसा, बैंक लौटाने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित पिता ने इसकी शिकायत आज जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से दर्ज कराई हैं। पिता का कहना हैं कि बैंक ने पैसा नहीं मिला तो बेटी की शादी टूट जायेगी। 

6 फरवरी की हैं शादी, कार्ड भी बटे -

खनियाधाना तहसील के बुकर्रा गांव के रहने वाले राजू शर्मा ने बताया कि बेटी की शादी के लिए उसने सहकारिता बैंक में बेटी और उसके नाम खाता खुलवा कर पैसे जमा करना शुरू कर दिए थे। बेटी के खाते में 1 लाख 61 हजार रूपये और उसके खाते में 48 हजार रूपये जमा हैं। बेटी की शादी 6 फरवरी को होनी हैं। शादी के कार्ड भी बट चुके हैं। उसने बेटी की शादी में सामान देने के लिए 93 हजार का सामान भी बुक करा लिया हैं साथ ही शादी के अन्य ख़र्चों के लिए पैसों की आवश्यता हैं। वह लगातार सहकारिता बैंक के पैसों के लिए चक्कर काट रहा हैं। लेकिन बैंक पैसा देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में अगर बैंक ने पैसा नहीं दिया तो शादी टूट भी सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो उसे परिवार सहित गंभीर कदम उठाना पढ़ सकता हैं।   

सिंधिया मांग चुके हैं सीएम से मदद -

सहकारिता बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आगे आ चुके हैं। करीब 18 दिन पहले उन्होंने सहकारिता बैंक को बचाने के लिए सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने की मांग की गई हैं। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने पत्र के साथ शिवपुरी कलेक्टर का पत्र को संलग्न करते हुए इस संकट को हल करने के लिए बैंक की अंशपूंजी 142.31 करोड़, ब्याज माफी योजना के तहत शेष राशि 14.46 करोड़. वहीं सामान्य बैंक लिमिट के लिए 70 करोड़ की सहायता राशि प्रदान करने की मांग की हैं।

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