परंपरागत कृषि से अब किसान उद्यानिकी फसलों की ओर अग्रसर होने लगे हैं, जिससे किसानों को लाभ भी हो रहा है। लुकवासा के राजकुमार रघुवंशी जो बताते हैं कि वह पहले परंपरागत गेहूं, चना की फसल करते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें उद्यानिकी फसलों के बारे में जानकारी मिली और शुरुआती समय में लगभग 5 बीघा से काम शुरू किया और धीरे-धीरे यह रकवा बढ़ाते हुए 100 बीघा तक पहुंचा, जिसमें वह टमाटर, तरबूज, शिमला मिर्च, खीरा जैसी उद्यानिकी फैसले उगा रहे हैं। किसान राजकुमार रघुवंशी बताते हैं कि इसमें पूंजी का निवेश तो है परंतु यदि सही तकनीक और जानकारी के साथ खेती की जाए, तो उद्यानिकी फसलों में अच्छा मुनाफा भी है। आज उनकी आमदनी भी इससे बड़ी है और वह शिवपुरी जिले के अन्य किसानों को भी यह जानकारी देते हैं कि वह परंपरागत खेती पर ही निर्भर न रहे बल्कि उद्यानिकी फसलों की ओर भी बड़े, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि वह ड्रिप सिंचाई भी कर रहे हैं। सिंचाई की पद्धति बदलने से भी फायदा हुआ है
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