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MP NEWS : बजट की कमी नहीं, समयबद्ध क्रियान्वयन को दें प्राथमिकता : उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल


स्वास्थ्य अधोसंरचना विकास कार्यों की गहन समीक्षा की



 उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के सतत विकास के लिये पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता केवल इस बात की है कि उपलब्ध बजट का समय पर प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की गति तेज करते हुए समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मंत्रालय में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने पूंजीगत बजट की योजना अनुसार प्रगति, निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति, उपकरणों की खरीदी और एजेंसीवार कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की यह ज़िम्मेदारी है कि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त बजट का अधिकतम उपयोग कर सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए। बैठक में परियोजना संचालक श्री नीरज कुमार सिंह सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कार्यों की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि पीआईयू, बीडीसी और बी एंड आर सहित सभी कार्यान्वयन एजेंसियों की मासिक आधार पर भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधोसंरचनात्मक निर्माण कार्यों की सतत निगरानी की जाए तथा एजेंसियों को समय पर सचेत कर कार्यों को गति प्रदान की जाए।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों सहित समस्त चिकित्सकीय संस्थानों के निर्माण एवं उन्नयन कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। साथ ही उपकरणों की खरीदी में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। बैठक में मंडला, श्योपुर, राजगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर चल रहे अधोसंरचना विकास कार्यों और पीजी व यूजी पाठ्यक्रमों के लिए उपकरणों की खरीदी की भी गहन समीक्षा की गई। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने स्पष्ट कहा कि कार्य की गुणवत्ता, समय सीमा और बजट उपयोग की त्रि-सूत्रीय रणनीति पर कार्य कर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है।

बैठक में जानकारी दी गई कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा 430 करोड़ रुपये की राशि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए स्वीकृत की गई है। इसका उपयोग अस्पताल एवं औषधालयों के भवन निर्माण में किया जा रहा है। प्रथम तिमाही में पूंजीगत व्यय सीमा को 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है, ताकि निर्माण कार्यों में अपेक्षित गति लाई जा सके। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-अभीम) में 476 करोड़ रुपये और मेडिकल एजुकेशन में सेंट्रली स्पॉन्सर्ड योजनाओं के तहत 365.67 करोड़ रुपये की राशि विभाग के पास उपलब्ध है, जिसके त्वरित उपयोग के उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने निर्देश दिए ताकि केंद्र से आवंटन समय से प्राप्त हो सके।

केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपये, पीजी पाठ्यक्रम सुदृढ़ीकरण के लिए 206 करोड़ रुपये, एमबीबीएस सीट वृद्धि के लिए 150 करोड़ रुपये और नवीन नर्सिंग कॉलेजों के निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपये की प्रावधानित राशि के उपयोग की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। मंडला, श्योपुर, राजगढ़, बुधनी, छतरपुर, दमोह और सिंगरौली में चल रहे अधोसंरचना कार्यों की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लागत संशोधन, अनुबंध वृद्धि एवं प्रशासनिक स्वीकृति जैसे प्रकरणों में विभाग शीघ्र निर्णय लेकर कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करे। सभी कार्यों की सतत मॉनिटरिंग कर गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

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