जिला स्तर पर साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर केंद्रित रही कार्यशाला
मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (एमपी-सर्ट) द्वारा साइबर सुरक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधकों (डीईजीएम) के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल पलाश रेसिडेंसी भोपाल में शुक्रवार को किया गया। यह कार्यशाला विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे एवं एमपी-सर्ट के निदेशक श्री गुरु प्रसाद के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।
कार्यशाला में राज्य के सभी 55 जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधकों ने भाग लिया, जिन्हें अपने-अपने जिलों के लिए मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। कार्यशाला डीईजीएम को नवीनतम साइबर रणनीतियों, उपकरणों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं से सुसज्जित करने के उद्देश्य से आयोजित हुई। जिससे साइबर सुरक्षा की जड़ें जिला स्तर तक मजबूत हो सके।
कार्यशाला में संयुक्त निदेशक, एमपी-सर्ट एवं पुलिस अधीक्षक एटीएस श्री वैभव श्रीवास्तव ने सत्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार साइबर अपराधी मानवीय कमजोरियों जैसे लालच, आलस्य और डर का फायदा उठाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी करते हैं। श्री श्रीवास्तव ने फिशिंग ईमेल, फर्जी सिम कार्ड ऑफर, आधार आधारित पहचान की चोरी और ओटीपी धोखाधड़ी जैसे मामलों के उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड इस्तेमाल करने, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्रिय करने, संदिग्ध लिंक या कॉल से बचने और ओटीपी या कार्ड विवरण कभी भी साझा न करने की सलाह दी।
एक विशेष सत्र में भोपाल के 11वीं के छात्र शुभांक सिंगहाई, यंगेस्ट एथिकल हैकर ने सहभागिता की जिसमें उन्होंने रियल-टाइम हैकिंग का डेमो प्रस्तुत करके यह स्पष्ट किया कि साइबर सुरक्षा आज के समय में कितनी आवश्यक है। उनका व्यावहारिक प्रदर्शन उपस्थित डीजीईएम के लिए अत्यंत प्रभावशाली एवं शिक्षाप्रद रहा।
प्रमुख सलाहकार श्री अम्बर पांडे, श्री विनीत तिवारी एवं कानूनी सलाहकार श्री योगेश पंडित द्वारा लिए गए सत्रों में साइबर जागरूकता और समय पर रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया गया। यह कार्यशाला राज्य सरकार की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें जिला स्तरीय अधिकारियों को संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है।
0 टिप्पणियाँ