शिवपुरी शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाला आया सामने बताया जा रहा है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खनियाधाना में वर्षों से जारी आर्थिक गड़बड़ियों का बड़ा मामला सामने आया है। वर्ष 2018 से लेकर 2025 तक लगभग 40 व्यक्तियों के बैंक खातों में एक करोड़ चार लाख 42 हजार 763 रुपए का फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा, 20 अन्य खातों में वेतन व भत्तों के मद में 50,000 से अधिक की संदिग्ध रकम ट्रांसफर की गई।
घोटाले का मामला शिवपुरी कलेक्टर के सामने आया वैसे ही तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए। एसडीएम पिछोर शिवदयाल धाकड़ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जिसमें शिक्षा विभाग की सहायक संचालक शालिनी दिनकर, सहायक पेंशन अधिकारी संतोष कुर्मी और कोषालय लिपिक अमित यादव को शामिल किया गया।
जांच में सामने आया गबन का सच
समिति द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, 40 में से 18 व्यक्तियों के खातों में 68 लाख 77 हजार 121 रुपए का कपटपूर्ण भुगतान पाया गया। वहीं, 20 में से 8 खातों में 6 लाख 19 हजार 274 रुपए की राशि संदिग्ध रूप से ट्रांसफर की गई।
इसके अलावा, सहायक ग्रेड-3 ओमकार सिंह धुर्वे को विभागीय खाते से 6 लाख 3 हजार 199 रुपए और लेखापाल सुखनंदन रसगैया को अक्टूबर 2020 के वेतन में 24,200 रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया। कुल मिलाकर यह गबन 81 लाख 23 हजार 728 रुपए का बताया जा रहा है।
इन अधिकारियों-कर्मचारियों पर दर्ज हुई FIR कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, भारतीय न्याय संहिता 2023, आईटी एक्ट सहित अन्य दंडनीय धाराओं के तहत संबंधित कर्मचारियों पर FIR दर्ज करवाई है। FIR जिन पर दर्ज की गई है, उनमें शामिल हैं:
प्रकाश सूर्यवंशी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी
सतीश शरण गुप्ता, प्राचार्य, शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय, पिछोर
सुखनंदन रसगैया, लेखापाल
ओमकार सिंह धुर्वे, सहायक ग्रेड-3
गिरेंद्र कुमार कघारिया, सहायक ग्रेड-2
यस पाल बघेल माध्यमिक शिक्षक
घोटाले के पूरे मामले में इस बार शिवपुरी प्रशांत सशक्त नजर आ रहा है पहली बार देखने को मिला है कि पूरे मामले में संबंधित अधिकारियों पर विभागीय जांच और कानूनी कार्यवाही एक साथ चल रही है ।
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