लंबित मांगों के निराकरण सहित उत्पीड़न रोकने की मांग, 15 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
शिवपुरी जिले के ग्राम रोजगार सहायकों ने सोमवार को शिवपुरी कलेक्ट्रेट पहुँचकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में रोजगार सहायकों ने प्रदेशभर में हो रही मनमानी कार्यवाहियों को रोकने की मांग करते हुए वर्षों से लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण करने की मांग की है।
ग्राम रोजगार सहायकों ने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन की समस्त जिम्मेदारी अकेले उन पर थोपी जा रही है, जबकि तकनीकी अमला, सचिव और जनप्रतिनिधियों की बराबर की जवाबदेही होती है। कई जिलों में रोजगार सहायकों को एकतरफा निलंबित किया गया है, जिससे मानसिक तनाव का वातावरण बन गया है।
संघ के जिलाध्यक्ष राजेश रावत ने बताया कि बीते तीन माह में प्रदेश में 30 से अधिक ग्राम रोजगार सहायकों की असमय मृत्यु हो चुकी है, परंतु शासन ने किसी प्रकार की अनुग्रह राशि या अनुकंपा नियुक्ति अब तक नहीं दी है।
रोजगार सहायकों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं -
पंचायत सहायक सचिव पद पर संविलियन और सचिवों की तरह वेतनमान
मृत सहायकों के परिजनों को ₹10 लाख की सहायता व अनुकंपा नियुक्ति
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के आदेश जारी हों
प्रत्येक माह की 30 तारीख तक मानदेय भुगतान
सचिवों की तरह सेवा नियम और सुविधाएं
मानसिक उत्पीड़न रोकने हेतु स्पष्ट जवाबदेही तय हो
रिक्त पदों पर जिला स्तर पर भर्ती
महिला सहायकों को स्थानांतरण की सुविधा मिले
संयुक्त संगठन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि यदि 15 दिनों के भीतर मांगों पर उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो शिवपुरी सहित पूरे प्रदेश में ‘कलम बंद, कंप्यूटर बंद’ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
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