नाग देवता जी का आराधना करते स्कूल के छात्र-छात्राएं
बिर्रा-विकास खंड बम्हनीडीह संकुल सेमरिया,जिला जांजगीर चांपा छग शासकीय प्राथमिक पूर्व माध्यमिक शाला सेमरिया में प्रभारी प्रधानपाठक उमेश कुमार दुबे के मार्गदर्शन में नाग पंचमी के दिन स्कूल के दीवार पर गोबर से नागदेवता का चित्र बनाकर छात्र छात्राएं,स्व सहायता महिला समूह एवं शिक्षकों ने पूजा अर्चन की।तत्पश्चात दुबे ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ, धार्मिक,सांस्कृतिक स्वच्छता, खेलकूद के साथ-साथ व्यवहारिक जीवन में नागों की पूजा सम्मान में मनाया जाने वाला एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार नागों की पूजा के लिए समर्पित है,विशेष रूप से भगवान शिव के सर्प साथी वासुकी और अन्य नाग देवताओं की नाग पंचमी मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं।
नाग देवता का चित्र बनाकर पूजा अर्चना करते शिक्षक एवं स्कूली छात्र-छात्राएं
उन्होंने आगे बताया कि ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों के खिलाफ एक यज्ञ किया था।इस यज्ञ में कई नाग मारे गए,जिससे नागों का विनाश होने लगा।तब आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की।उस दिन पंचमी तिथि थी,इसलिए नाग पंचमी मनाई जाती है।समुद्र मंथन के दौरान,वासुकी नाग को रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था जिससे देवताओं और राक्षसों ने समुद्र को मथने में मदद की थी।भगवान कृष्ण ने वृंदावन में कालिया नाग को हराया था और उसे यमुना नदी से बाहर निकाल दिया था।
नाग पंचमी के दिन लोग नागों की पूजा करते हैं उन्हें दूध चढ़ाते हैं और उपवास रखते हैं।यह त्योहार न केवल नागों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का पर्व है बल्कि यह प्रकृति,धर्म और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है।दूध लाई का प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर प्रभारी प्रधान पाठक उमेश कुमार दुबे,शिक्षक टीकाराम गोपालन,कैलाश खूंटे,कौशल यादव,अनुपमा जांगड़े,अशोक जांगड़े,जय मां संतोषी महिला स्व-सहायता समूह पदाधिकारी एवं सदस्यो ने प्रदेशवासियों ग्रामवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
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