प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी विद्यलायों द्वारा फीस में अनियमित वृद्धि रोकने के लिये प्रावधान लागू किये गये है। इसके अलावा किताबें, यूनिफॉर्म, टाई एवं कॉपियों पर किसी विशेष दुकान से क्रय नहीं किये जाने संबंधित नियम भी लागू है।
इन नियमों में वर्णित प्रावधानों के तहत निजी विद्यालयों में उपयोग की जाने वाली स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पार्ट्स किट, ट्रासपोर्ट सुविधा और फीस से संग्रहित की जाने वाली राशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर तथा अधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के निेर्देश भी है। इसी के साथ निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा कक्षा वार एवं मद वार आगामी सत्र की प्रस्तावित फीस संरचना को स्कूल शिक्षा विभाग के फीस विनियमन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। राज्य में इस वर्ष करीब 10 हजार 200 निजी विद्यालयों द्वारा पोर्टल पर फीस का विवरण अपलोड किया जा चुका है। प्रदेश में जिन विद्यालयों की किसी भी कक्षा की वार्षिक फीस संरचना 25 हजार रूपये या उससे कम है, उन्हें फीस संरचना की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने से मुक्त रखा गया है। इन विद्यालयों को इस संबंध में पोर्टल पर शपथ पत्र अपलोड करने की निर्धारित तिथि भी दी गई थी। ऐसे विद्यालय जो समय-सीमा की जानकारी अपलोड नहीं करेंगे उनके विरूद्ध जिला समिति द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश में निजी विद्यालयों के विरूद्ध प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला समिति भी कार्य कर रही है।
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