तहसील पिछोर के ग्राम नावली निवासी किसान मनिराम गुर्जर तथा परमाल सिंह गुर्जर ने आगामी रबी सीजन में गेहूं की बोवनी हेतु वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का संकल्प लेते हुए कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी का दौरा किया। किसान ने केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.के. भार्गव से खाद एवं बीज की उपयुक्त मात्रा तथा मिश्रण के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन प्राप्त किया। डॉ. भार्गव ने किसानों को बताया कि गेहूं फसल के लिए अनुशंसित और संतुलित मात्रा में खाद एवं उर्वरकों का करे प्रयोग जिससे भरपूर उत्पादन हो। डीएपी के विकल्प के तौर पर एनपीके का उपयोग करे। गेहूं की बोवनी के लिए प्रति बीघा या एकड़ भूमि में कितना बीज एवं किस प्रकार की खाद का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके स्पष्ट मानक हैं। उन्होंने उर्वरकों की मात्रा और समयबद्ध प्रयोग की विधि समझाई। साथ ही उन्होंने फसल की प्रारंभिक सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण तथा रोग-कीट प्रबंधन के विषय में भी व्यवहारिक सलाह दी। किसानों ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से मिली यह जानकारी अत्यंत उपयोगी रही। अब वह अपनी फसल में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करेंगे ताकि बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि डॉ. भार्गव ने उन्हें विस्तृत जानकारी न केवल मौखिक रूप से दी, बल्कि उसे लिखित रूप में भी प्रदान किया जिससे खेत में उसका सीधा उपयोग किया जा सके।

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