स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए बनी है आदर्श आचरण संहिता - कलेक्टर
लोकसभा निर्वाचन 2019 में राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करना जरूरी
लोकसभा निर्वाचन 2019 में राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करना जरूरी
दतिया | 08-अप्रैल-2019 लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपीएस जादौन ने कहा है कि स्वतंत्र निष्पक्ष निर्वाचन के लिए जरूरी है कि सभी राजनैतिक दल आदर्श आचरण संहिता का पालन करें। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के मुताबिक कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जो विभिन्न जातियों, धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बड़ायें या घृणा की भावना उत्पन्न कर या तनाव पैदा करें।
साधारण आचरण
किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेंदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करें।
जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाए, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होना चाहिए, यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाक्लाप से न हो, दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो।
मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन के प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए जो निर्वाचन विधि के अधीन ”भ्रष्ट आचरण” और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, धमकाना मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना।
सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण को विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यो के कितने ही विरूद्ध क्यों न हो व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थति में नहीं लेना चाहिए।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को घ्वजदण्ड़ बनाने ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति, अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए।
राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके, गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हो। एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नहीं जाने चाहिए।
जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाए, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होना चाहिए, यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाक्लाप से न हो, दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो।
मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन के प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए जो निर्वाचन विधि के अधीन ”भ्रष्ट आचरण” और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, धमकाना मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना।
सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण को विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यो के कितने ही विरूद्ध क्यों न हो व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थति में नहीं लेना चाहिए।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को घ्वजदण्ड़ बनाने ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति, अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए।
राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके, गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हो। एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नहीं जाने चाहिए।
सभाएं
दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय प्राधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना दें देनी चाहिए ताकि वे यातायात को नियंत्रित करने और शांति तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक इंतजाम कर सकें।
दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश लागू तो नहीं है। यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि ऐसे आदेशों से कोई छाूट अपेक्षित हो तो उनके लिए समय से आवेदन करना चाहिए और छूट प्राप्त कर लेनी चाहिए।
यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाऊडस्पीकरों के उपयोग या किस अन्य सुविधा के लिए अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को सम्बद्ध प्राधिककारी के पास काफी पहले से ही आवेदन करना चाहिए और ऐसी अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए।
किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें। आयोजकों को चाहिए कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही न करें।
दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश लागू तो नहीं है। यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि ऐसे आदेशों से कोई छाूट अपेक्षित हो तो उनके लिए समय से आवेदन करना चाहिए और छूट प्राप्त कर लेनी चाहिए।
यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाऊडस्पीकरों के उपयोग या किस अन्य सुविधा के लिए अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को सम्बद्ध प्राधिककारी के पास काफी पहले से ही आवेदन करना चाहिए और ऐसी अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए।
किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें। आयोजकों को चाहिए कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही न करें।
जुलूस
जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। सामन्यतः कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए।
आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को पहले से सूचना दे दें, ताकि वे आवश्यक प्रबंध कर सकें।
आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरता है, उनमें कोई निर्बधात्मक आदेश तो लागू नहीं है और जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए, उन निर्बधनों का पालन करना चाहिए।
आयोजकों को जुलूस का आयोजन ऐसे ढंग से करना चाहिए, जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किऐ बिना जुलूस निकलना संभव हो सके। यदि जुलूस बहुत लम्बा है तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिए ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सकें।
जुलूस की व्यवसथा ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सड़क की दायीं और रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए।
यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो आयोजकों को चाहिए कि वे समय से काफी पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनायें जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिए सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए।
जुलूस में शामिल होगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने के विषय में जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता है, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को उन पर अधिक से अधिक नियंत्रण रखना चाहिए।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों को समर्थन नहीं करना चाहिए।
आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को पहले से सूचना दे दें, ताकि वे आवश्यक प्रबंध कर सकें।
आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरता है, उनमें कोई निर्बधात्मक आदेश तो लागू नहीं है और जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए, उन निर्बधनों का पालन करना चाहिए।
आयोजकों को जुलूस का आयोजन ऐसे ढंग से करना चाहिए, जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किऐ बिना जुलूस निकलना संभव हो सके। यदि जुलूस बहुत लम्बा है तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिए ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सकें।
जुलूस की व्यवसथा ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सड़क की दायीं और रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए।
यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो आयोजकों को चाहिए कि वे समय से काफी पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनायें जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिए सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए।
जुलूस में शामिल होगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने के विषय में जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता है, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को उन पर अधिक से अधिक नियंत्रण रखना चाहिए।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों को समर्थन नहीं करना चाहिए।

0 टिप्पणियाँ