भोपाल/नई दिल्ली।
महाराष्ट्र में चल रही महाभारत का अंत हो गया है।सबको चौंकाते हुए बीजेपी-एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली है, देवेंद्र फडणवीस को बतौर मुख्यमंत्री दोबारा राज्य की कमान सौंप दी गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार ने राज्य के उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, इसके साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। देवेंद्र फडणवीस के दोबारा सीएम बनने पर एमपी के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने बधाई दी है।
इस पूरे सियासी उलटफेर ने कई सवालों को जन्म दे दिया है । क्योंकि शुक्रवार की रात तक यही खबरें थीं कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राजी हो गई है कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कही जा रही थी. तीनों दल उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर सहमत भी हो गए थे और चर्चा थी कि आज औपचारिक तौर पर वे राज्यपाल से मिलकर दावा पेश करते, लेकिन सुबह होते ही महाराष्ट्र की पूरी सियासत की तस्वीर ही बदल गई। बीजेपी और एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली।
पूर्व मंत्री ने दी बधाई
पूर्व मंत्री और भाजपा के दिग्गज विधायक नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार जी को हार्दिक बधाई। महाराष्ट्र के विकास और प्रगति के एक नये युग का सूत्रपात हो रहा है। वही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा है कि साथी देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद एवं देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर मेरी ओर से कोटि-कोटि शुभकामनाएँ।आश्वस्त हूँ कि आपके नेतृत्व में राज्य में विकास के नए आयाम गढ़े जाएंगे व समाज के हर वर्ग के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा।
आंकड़ों पर एक नजर
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था, लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था, शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई और अब बीजेपी और एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली है।
0 टिप्पणियाँ