Music

BRACKING

Loading...

आखिर क्यों नहीं मिलता ट्रेनों में चोरियों का सुराग


ग्वालियर. चलती ट्रेनों में चोरियों की घटना काफी बढ़ गई हैं। इसमें कई बड़े मामले भी सामने आए हैं। जिसमें जीआरपी थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसके बावजूद भी मामलों का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। ग्वालियर से निकलने वाली कई ट्रेनों में अक्सर चोरी की घटनाएं होती है। जिसमें से कई घटनाएं एसी कोच में भी होती है। इस संबंध में जीआरपी टीआई का कहना है कि ऐसे भी मामले सामने आते है। जिसमें कई चोरों को दूसरें शहरों में जाकर पकडऩा पड़ता है। इसके चलते कई मामलों का खुलासा करने में देर हो जाती है।
-बड़े मामलों का नहीं हो पा रहा खुलासा?
ग्वालियर से निकलने वाली कई ट्रेनों में बड़े मामले सामने आए हैं। जिसमें एक विदेश महिला का एसी कोच से लगभग पांच लाख का सामान चोरी हुआ था। इसके साथ कई अन्य मामले भी है। इन मामलों पर कार्रवाई की जा रही है।
- जीरों पर कई डायरी आपके यहां आई हैं?
ग्वालियर या आसपास के क्षेत्रों में चोरी होने के बाद दूसरे शहरों से जीरों पर डायरी आती है। ऐसे मामले में हमारी टीमें चोरों पर नजर रखे हैं। कई मामलों में तो हम चोरों तक पहुंच चुके है। जल्द ही हमको सफलता मिलेगी।
- सबसे ज्यादा मामले कौन से आते है?
ट्रेनों के साथ रेलवे स्टेशन पर चोरी के सबसे ज्यादा मामले मोबाइल के आते हैं। इन चोरियों में यात्री प्लेटफॉर्म पर ही मोबाइल को चार्ज करके या ट्रेनों में चार्जिंग पर लगाकर आ जाता है। ऐसे मोबाइलों को ढूंढना काफी मुश्किल होता है। हमारे पास लगभग 70 फीसदी मोबाइल चोरी के मामले सामने आते हैं।
- कितनी ट्रेनों में चलते हैं जीआरपी के जवान?
ग्वालियर से निकलने वाली लगभग चार से पांच ट्रेनों में जीआरपी के जवान चलते हैं। यह जवान झांसी और बीना तक आते-जाते हैं। जिससे टे्रनों में घटनाएं कम हो सकें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ