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नायब तहसीलदार को शिनाख्त रिपोेर्ट एक माह तक रखना पड़ा भारी

शिनाख्त परेड की रिपोर्ट एक माह तक अपने पास रखना नायब तहसीलदार (प्रोबेशनर) शिवम उपाध्याय को भारी पड़ गया। डकैती के आरोपी सुनील शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नायब तहसीलदार के कृत्य को गंभीर लापरवाही मानते हुए कलेक्टर मुरैना को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी। दरअसल, डकैती के आरोप में जेल में बंद सुनील शर्मा ने जमानत के लिए याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि शिनाख्त परेड 14 फरवरी को हो चुकी है, लेकिन शिवम उपाध्याय ने शिनाख्त रिपोर्ट जांच अधिकारी को सुपुर्द नहीं की।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने नायब तहसीलदार को तलब किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जांच अधिकारी ने रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए संपर्क नहीं किया। 16 फरवरी को रिपोर्ट ले जाने के लिए उन्होंने जांच अधिकारी को फोन भी किया था, लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया।

कोर्ट ने उनके तर्क को खारिज करते हुए पूछा कि कानून के कौन से प्रावधान के अंतर्गत शिनाख्त रिपोर्ट इतने दिनों तक अपने पास रखी। रिपोर्ट के लिए संबंधित अधिकारी को पत्र क्यों नहीं लिखा? संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर हाईकोर्ट ने मुरैना कलेक्टर को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया।

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