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गुरु पूर्णिमा का पर्व नगर में आज पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया


बिर्रा-संस्कार भारती जिला इकाई सक्ति छत्तीसगढ़ के बैनर तले गुरु घासीदास संगीत महाविद्यालय हसौद के संयोजकत्व एवं शारदा संगीत विद्यालय बिर्रा के आयोजकत्व में गुरु पूर्णिमा महोत्सव ग्राम देवरानी में रविवार को दोपहर 2:30 बजे से अतिथिगण मा.योगेश शर्मा (प्रांत प्रमुख धर्म आयाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ छत्तीसगढ़) , मा. देंवेंद्र जी (प्रांत प्रमुख ग्राम विकास छत्तीसगढ़) , मा. एच एल शर्मा जी (प्राचार्य शा नवीन महाविद्यालय बिर्रा) , मा. एफ एल साहू (प्राचार्य शा उच्च मा विद्यालय बिर्रा) ,मा. जितेंद्र तिवारी जी (पत्रकार बिर्रा) , हेमंत जायसवाल किकिरदा, मोहन कुमारी साहू (जनपद सदस्य बम्हनीडीह, प्रदेश उपाध्यक्ष साहू समाज छत्तीसगढ़ ) मा. के आर कश्यप (प्राचार्य गुरु घासीदास संगीत महाविद्यालय हसौद, जिला अध्यक्ष संस्कार भारती सक्ति) के अध्यक्षता में सर्व प्रथम मां भारती , माँ वीणापाणि , एवम गुरुदेव रोकड़े जी के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा पूजन अर्चन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। मंत्रोच्चार तोषण तिवारी जी व्दारा किया गया। अतिथियों का सम्मान पुष्प माला, श्रीफल , डायरी , पेन , अंग वस्त्र भेंट कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनोज तिवारी (संचालक /ब्यवस्थापक शारदा संगीत विद्यालय बिर्रा कार्य कारी जिला अध्यक्ष संस्कार भारती सक्ति ) व्दारा किया गया। गणेश वंदना एवम गुरुवंदना प्रवीण तिवारी एवम सरस्वती वंदना सृष्टि कश्यप व्दारा किया गया। अपने संबोधन में योगेश शर्मा जी गुरु पूर्णिमा क्यो मनानी चाहिए पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गुरु कोई साधारण नही होता ।उनके गोद में प्रलय एवम आरम्भ खेलती है ।गुरु बनाना नही मानना चाहिए। ब्यास जी का अवतार संस्कार हित के लिये हुआ था जिन्होंने वेदों को चार भागों में बाट कर तथा अट्ठारह पुराणों की रचना कर कलियुग के मानवो के लिए सुलभ बनाया । देवेंद्र जी ने कहा कि जब तक ग्रामो का विकास नही होगा समाज राष्ट समृध्द नही बन सकता ।हमे गांवो को समृध्द बनाना होगा। महाविद्यालय के प्राचार्य एच एल शर्मा जी पर्यावरण पर जोर डालते हुये कहा कि वृक्ष भी हमारे गुरु है । दस कुंआ खोदने का फल एक बावली है। दस बावली खोदने का फल एक पुत्र है और दस पुत्रो का फल एक वृक्ष है। एफ एल साहू जी गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गुरु के बिना किसी का उद्धार नहीं हो सकता जब , भगवान ब्रह्मा , विष्णु , महेश को गुरु बनाना पड़ा तो हम तो मनुष्य है ।हमे गुरु के सानिध्य में जाना पड़ेगा । मोहन कुमारी साहू अपनी सार गर्भित उदबोधन में कहा कि समाज को दिशा निर्देश सिर्फ गुरु ही दे सकता है । असाध्य एवम कठिन कार्य भी गुरु के आशीर्वाद से प्राप्त हो जाता है। दशरथ जी को चार पुत्रो की प्राप्ति केवल गुरुदेव भगवान का करामात हैं। संस्कार भारती के जिलाध्यक्ष के आर कश्यप जी ने बतलाया कि हमारे चार विशेष पर्व होते है जिसमे गुरु पूर्णिमा खास होता है। पूर्व में हमारे व्दारा पांच दिवसीय संगीत विधा का कार्यशाला हसौद में सफलता पूर्वक आयोजित हो चुका है । सक्ति जिला गठन के पश्चात यह हमारा पहला कार्यक्रम है। संस्कार भारती कई आयामो पर कार्य करती है संगीत , रंगोली , चित्रकला , भित्ति कला , काष्ठ कला आदि। अपने नाम से ही जाहिर है संस्कार पैदा करना। प्रथम सत्र में संगीत विद्यार्थियों प्रवीण तिवारी , सृष्टि कश्यप , रितेश पटेल सुशील पटेल लक्ष्मी कांत पटेल ,दुर्गेश कहार , खुशाल साहू, तुलेश साहू, तेजस आदित्य, भारती कुर्रे, प्रखर आदित्य, हिना कुर्रे , भूपेंद्र कश्यप, लक्ष्मीनारायण व्दारा अपनी प्रस्तुति दी गई ।व्दितीय सत्र में संगीत गुरुओ का सम्मान , डायरी , पेन , पुष्प माला , श्रीफल अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया जिसमें के एल यादव , एन आर भारव्दाज , आर के सोनबानी , संतोष अग्रवाल , आर डी टंडन , संतोष कश्यप , जयंत कश्यप , पवन चंद्रा श्रवण थवाईत , गोपाल कर्ष , देव नंदन रात्रे , कु सोमा बरेठ , बी पी शुक्ल, सुभाष कश्यप , कु गीता कर्ष , रामचरण कश्यप का सम्मान किया गया ।मास्टर पीयूष कश्यप की प्रस्तुति से सारा पंडाल तालियों से गूंज उठा। कु सोमा बरेठ व्दारा कत्थक में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया । दर्शक तथा संगीत प्रेमी मंत्र मुग्ध होकर पंडाल तालियों की गूंज से भर उठा । अदिति शर्मा , ऋचा शर्मा ,लखन कश्यप , बल भद्र शुक्ल , संतोष अग्रवाल , के आर कश्यप देवनन्दन रात्रे नाथूराम भारव्दाज , जयंत कश्यप रामचरण कश्यप लोकेश देवांगन आदि गुरुओ ने अपनी प्रस्तुति दे कर समाज में एक नयी संदेश दिया ।संस्कार भारती के पदाधिकारी , शिक्षक बृंद तिजू राम साहू अमृत पटेल , उत्तम साहू ।उमाशंकर खूंटे , गुरुप्रसाद भटपरे , रासमकिशोर देवांगन फिरतु राम पटेल , सनद वर्मा , कीर्तन कश्यप , शशि पटेल जगतारण सिंह , धरम दास , मुंशी पटेल , टीकाराम साहू , मालिक राम साहू आदि गण मान्य नागरिक ,संगीत प्रेमी बालक बालिका , महिला पुरुष उपस्थित रहकर संगीत का आनंद लेते हुये कलाकारों का उत्साह वर्धन किये ।आभार प्रदर्शन संस्कार भारती के संगीत विधा प्रमुख बी पी शुक्ल जी ने किया ।

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