जांजगीर-शासकीय टी. सी. एल. स्नातकोत्तर महाविद्यालय जांजगीर के विधि विभाग में प्राचार्य प्रो आर के पाण्डेय विधागद्याच डॉ. आभा सिन्हा के मार्गदर्शन में आभाषी न्यायालय (मूट कोर्ट) विधि विभाग के एल एल. बी. तृतीय वर्ष के प्रथम सेमेस्टर के ग्रुप बी के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया जो आई. पी. सी. 1860 की धारा 302 के अंतर्गत सत्र प्रकरण का मामला मिला था जिसे विभिन्न काल्पनिक पात्रों के रूप में बनकर न्यायालीन कार्यवाही को किया गया, जिसमें न्यायाधीश के रूप में रमेश कुमार भट्ट, लोक अभियोजन के रूप में राहुल सिंह, लीगल एन्ड डिफेन्स चीफ के रूप में मनोज कुमार, विवेचक, निरीक्षक के रूप में नीलिमा राठौर, डॉक्टर के रूप में नीमा खूंटे, स्टोनों के रूप में मेघा राठौर, नीतू उरांव, रीडर के रूप में नवीन कुमार, पटवारी के रूप में नागेश्वर प्रसाद, मृतिका की पुत्री के रूप में पूनम , मृतिका के पुत्र के रूप में विष्णु कुमार , मृतिका की बहन के रूप में प्रतिभा , मृतिका की पड़ोसी के रूप में मीना ,राहुल कुमार , मृतिका के भाई के रूप में प्रवीण कुमार,अभियुक्त के रूप में मोहन मधुकर , अभियुक्त का साढू के रूप में महेन्द्र कुमार, सहायक उप निरीक्षक के रूप में प्रगति राठौर, आरक्षक के रूप में खुशहाल साहू, अधिवक्ताओ के सहायक के रूप प्रभा , प्रियंका तथा मंच संचालक के रूप में पल्ल्वी सिंह, पंकज वारे और पंकज लहरे द्वारा के पात्र के रूप में दिखे।
इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथियो के रूप में आये अधिवक्ता श्री अजय केशरवानी जी ( जिला अधिवक्ता संघ जांजगीर के अध्यक्ष) , अधिवक्ता श्री मनमत शर्मा जी , पैरा लीगल वैलेंटीयर जांजगीर श्री लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल जी , तथा श्रीमती इंदु संधावनी मैम जी उपस्थित रहे ,साथ ही विधि विभाग के विभागाध्यक्ष श्रीमती डॉ आभा सिन्हा मैम जी, सहा.अध्यापक डॉ. जी. एन. सिंह सर जी , डॉ अभय सिन्हा सर जी , ,श्री नरेश आजाद सर जी, अतिथि प्राध्यापक सुश्री प्रियंका मैंम जी, श्री योगेश पैकरा सर जी तथा विधि विभाग के सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। मुख्य अतिथियों के द्वारा वास्तविक न्यायालय में चलने वाली प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सभी विधि छात्रों को प्रदान किया गया।
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