Shivpuri news - जिला पंचायत शिवपुरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन द्वारा जनपद पंचायत पोहरी के ग्राम अगर्रा के ग्राम रोजगार सहायक सुरेंद्र कुमार वर्मा की सेवाएँ समाप्त कर दी गई हैं।
यह कार्यवाही प्रधानमंत्री जनमन आवास अंतर्गत मनरेगा की मजदूरी का समय पर भुगतान न करने और गंभीर अनियमितताओं के चलते की गई है। जाँच में पाया गया कि तृतीय किस्त के अंतर्गत 62 आवासों में निर्धारित 90 दिवस के स्थान पर 30 दिवस से कम मजदूरी का भुगतान किया गया। इसी प्रकार द्वितीय किस्त में 54 आवासों को 60 दिवस के स्थान पर 30 दिवस से कम भुगतान हुआ तथा प्रथम किस्त के अंतर्गत 31 आवासों में मजदूरी का भुगतान शून्य पाया गया।बार-बार निर्देश और आदेशों के बावजूद ग्राम रोजगार सहायक द्वारा 125 आवासों में मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। इस लापरवाही और पदीय कर्तव्यों में अनियमितता को गंभीर कदाचरण की श्रेणी में पाते हुए उनके विरुद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई है।
Shivpuri news - शिवपुरी , जिला सहकारी बैंक द्वारा कृषकों को खाद एवं ऋण वितरण निरंतर जारी
शिवपुरी, कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशानुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी द्वारा संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को खरीफ विपणन वर्ष 2025 में नगद एवं वस्तु ऋण का वितरण निरंतर किया जा रहा है। नियमित कृषक सदस्य, जिन्होंने पूर्व में बकाया ऋण जमा कर दिया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर खाद एवं नगदी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, जिन कृषक सदस्यों का कालातीत ऋण शेष है, उनसे अपील की गई है कि वे शीघ्र ऋण जमा कर संस्था से यूरिया, डीएपी एवं नगदी सुविधा प्राप्त करें।
अब तक जिले में 5410 किसानों को नगद ऋण स्वरूप 1728.68 लाख रुपए तथा 7519 किसानों को वस्तु ऋण स्वरूप 975.92 लाख रुपए का वितरण किया जा चुका है। साथ ही कृषकों से खरीफ ऋण की 346.68 लाख रुपए की वसूली भी की जा चुकी है।
रबी सीजन 2025-26 की अग्रिम भण्डारण योजना अंतर्गत कृषकों को सुगमता से खाद उपलब्ध कराने हेतु अभी तक पैक्स संस्थाओं को 4375 मी.टन डीएपी, 3489 मी.टन यूरिया, 624 मी.टन टीएसपी एवं 400 मी.टन एनपीके सहित कुल 8890 मी.टन खाद उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान में 63 संस्थाओं पर डीएपी 1461 मी.टन एवं 61 संस्थाओं पर यूरिया 1441 मी.टन, 7 संस्थाओं पर टीएसपी 48 मी.टन एवं 10 संस्थाओं पर एनपीके 143 मी.टन का स्टॉक उपलब्ध है।
संस्थाओं पर खाद की किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। कृषक भाइयों से अनुरोध है कि वे कालातीत ऋण का शीघ्र निपटान कर रबी सीजन हेतु सुगमता से खाद प्राप्त करें। साथ ही जो कृषक अभी तक संस्था के सदस्य नहीं हैं, वे सदस्यता शुल्क जमा कर सदस्य बनें ताकि आगामी रबी में संस्था द्वारा सीमा स्वीकृत कराकर वस्तु ऋण का लाभ प्राप्त कर सकें। शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज योजना का लाभ भी उन्हें मिलेगा।
Shivpuri news - कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा फल एवं सब्जियों के परिरक्षण विषय पर अन्त: सेवाकालीन प्रशिक्षण आयोजित
शिवपुरी - कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी द्वारा 25 से 26 अगस्त दो दिवसीय अन्त: सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें "फल एवं सब्जियों का परिरक्षण" विषय पर शिवपुरी जिले की लगभग 30 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिसमें केन्द्र के प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार द्वारा फल एवं सब्जियों के परिरक्षण पर विस्तार से अपने विचार रखे। इस प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. सुरूचि सोनी वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) द्वारा फल एवं सब्जियों के परिरक्षण के महत्च एवं उपयोगिता के संबंध में पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा बताया गया एवं करौंद के अचार, जैली, मुरब्बा निमार्ण हेतु प्रशिक्षण कराया गया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) डॉ. मुकेश कुमार भार्गव द्वारा सब्जियों एवं फलों की प्राकृतिक खेती की शुरुआत कैसे करें एवं प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक घटक जीवामृत, घन जीवामृत बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी गई साथ ही फल एवं सब्जियों के पोषण वाटिका में उत्पादन के संबंध में बताया गया।
डॉ. प्रशान्त कुमार गुप्ता, वरिष्ठ वैज्ञानिक (उद्यानिकी) द्वारा प्रशिक्षण के दौरान परिरक्षण हेतु उपयुक्त फल एवं सब्जियों की नर्सरी उत्पादन, प्रबंधन एवं खरपतवार नियंत्रण के उपाय एवं परिरक्षण हेतु कैनिंग एवं बाटलिंग के संबंध पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह वैज्ञानिक (पादप प्रजनन) द्वारा परिरक्षण हेतु फल एवं सब्जियों की उपयुक्त किस्मी के उपयोग और होने लाभ एवं डॉ. लक्ष्मी वैज्ञानिक (मत्स्य पालन) द्वारा कमल गट्टे की उत्पादन तकनीक एवं पोषक महत्व के संबंध में जानकारी दी। प्रशिक्षण में परिरक्षण हेतु उपयुक्त वनीय फल एवं सब्जियां के संदर्भ में डॉ. नीरज कुशवाहा वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी (कृषि वानिकी) द्वारा विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के अन्य कर्मचारी सतेन्द्र गुप्ता एवं आरती बंसल का सक्रिय सहयोग रहा।
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