
सांकेतिक तस्वीर
खास बातें
सियाचिन ग्लेशियर में सोमवार को आए हिमस्खलन की चपेट में आकर चार जवान शहीद हो गए जबकि दो पोर्टरों की भी मौत हो गई। दो अन्य जवानों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और इन सभी को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, 19 हजार फुट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी सेक्टर में काम कर रहे आठ कर्मचारी हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। सूचना पर पास के पोस्ट से बचाव टीम को मौके पर भेजा गया। बर्फ में दबे आठ लोगों को निकालकर हेलिकॉप्टर से पास के सैन्य अस्पताल में पहुंचाया गया। इनमें सात की हालत गंभीर थी। इलाज के दौरान छह की मौत हो गई। इनमें चार जवान और दो पोर्टर शामिल हैं, जिन्होंने काफी देर तक बर्फ में दबे रहने के कारण दम तोड़ दिया। सभी चौकी पर बीमार एक अन्य व्यक्ति को निकालने गए थे। सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात छह डोगरा बटालियन के जवान काजी और बाना पोस्ट के बीच हिमस्खलन की चपेट में आ गए।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, 19 हजार फुट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी सेक्टर में काम कर रहे आठ कर्मचारी हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। सूचना पर पास के पोस्ट से बचाव टीम को मौके पर भेजा गया। बर्फ में दबे आठ लोगों को निकालकर हेलिकॉप्टर से पास के सैन्य अस्पताल में पहुंचाया गया। इनमें सात की हालत गंभीर थी। इलाज के दौरान छह की मौत हो गई। इनमें चार जवान और दो पोर्टर शामिल हैं, जिन्होंने काफी देर तक बर्फ में दबे रहने के कारण दम तोड़ दिया। सभी चौकी पर बीमार एक अन्य व्यक्ति को निकालने गए थे। सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात छह डोगरा बटालियन के जवान काजी और बाना पोस्ट के बीच हिमस्खलन की चपेट में आ गए।
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