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भावखेड़ी हत्याकांड के बाद भी नहीं चेता प्रशासन।
महज आर्थिक सहायता देकर पल्ला झाड़ती प्रदेश सरकार।
एक बार फिर दो बच्चों को मौत के मुंह में पहुंचाने वालों को अभयदान।
शिवपुरी। जिले में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर बनाए गए शौचालयों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। सोमवार की शाम को राठखेड़ा गांव में घटिया शौचालय ढह जाने से जिन दो आदिवासी बच्चों की मौत हुई है उसके पीछे भी शौचालय निर्माण का भ्रष्टाचार एक प्रमुख कारण रहा है।
पोहरी जनपद पंचायत के वेसी ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले राठखेड़ा गांव में वर्ष 2013 में मर्यादा अभियान अंतर्गत आदिवासियों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया था। इन शौचालयों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। गांव को ओडीएफ करने के फेर में नाम के लिए शौचालय तो बना दिए गए लेकिन उनका उपयोग गांव वाले कर ही नहीं पाएं क्यों भ्रष्टाचार और कमीशन के फेर में आधा-अधूरा व घटिया काम किया गया। कागजों में ही शौचालयों का पूरा निर्माण दिखाकर पैसा निकाल लिया गया लेकिन इन आधे-अधूरे व घटिया शौचालयों की चपेट में आने से दो आदिवासी बच्चों की मौत हो गई। सोमवार को राठखेड़ा गांव के राजा आदिवासी (उम्र 7 वर्ष) और प्रिंस आदिवासी (उम्र 6 वर्ष) की शौचालय गिरने से मौत हो गई।
इस गांव के कोटवार रामसिंह ने बताया कि गांव में जो शौचालय बनाए गए हैं वह आधे अधूरे हैं और गांव वाले तो बाहर शौच करने जाते हैं। कोटवार ने बताया कि ऐसे ही एक शौचालय के ढह जाने से दो बच्चों की मौत हो गई।शायद ये तस्वीरें आपको विचलित कर सकती है।
पोहरी जनपद पंचायत के वेसी ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले राठखेड़ा गांव में वर्ष 2013 में मर्यादा अभियान अंतर्गत आदिवासियों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया था। इन शौचालयों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। गांव को ओडीएफ करने के फेर में नाम के लिए शौचालय तो बना दिए गए लेकिन उनका उपयोग गांव वाले कर ही नहीं पाएं क्यों भ्रष्टाचार और कमीशन के फेर में आधा-अधूरा व घटिया काम किया गया। कागजों में ही शौचालयों का पूरा निर्माण दिखाकर पैसा निकाल लिया गया लेकिन इन आधे-अधूरे व घटिया शौचालयों की चपेट में आने से दो आदिवासी बच्चों की मौत हो गई। सोमवार को राठखेड़ा गांव के राजा आदिवासी (उम्र 7 वर्ष) और प्रिंस आदिवासी (उम्र 6 वर्ष) की शौचालय गिरने से मौत हो गई।
इस गांव के कोटवार रामसिंह ने बताया कि गांव में जो शौचालय बनाए गए हैं वह आधे अधूरे हैं और गांव वाले तो बाहर शौच करने जाते हैं। कोटवार ने बताया कि ऐसे ही एक शौचालय के ढह जाने से दो बच्चों की मौत हो गई।शायद ये तस्वीरें आपको विचलित कर सकती है।
गांव के सहायक सचिव शशीकांत धाकड़ का कहना है कि जो शौचालय ढहा है वह उनके कार्यकाल का नहीं है। उसने तो इस साल यहां पर चार्ज संभाला है। लेकिन उन्होंने इस बात का स्वीकार किया है कि यहां पर मर्यादा अभियान में कुछ साल पहले बनाए गए शौचालयों का निर्माण घटिया हुआ है और ऐसे ही एक शौचालय के ढह जाने से दो बच्चों की मौत हो गई।
राठखेड़ा गांव पोहरी से कांग्रेस विधायक सुरेश राठखेड़ा का गृह गांव है। जब विधायक से यहां पर शौचालय निर्माण को लेकर हुए भ्रष्टाचार को लेकर पूछा गया तो उन्होंने भी साफ कहा कि यहां पर 15 साल भाजपा की सरकार रही उनकी ही विधायक इस क्षेत्र से रहे। अब उनकी सरकार आई है और वह इस भ्रष्टाचार की जांच के लिए अधिकारियों से कहेंगे जिससे दोषियों पर कार्रवाई हो सके। मृतक बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायत दिलाए जाने की बात भी विधायक ने कही।
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