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शिवपुरी : 9 लाख कमाने का लालच देकर करोड़ों रुपए की ठगी


 

बेरोजगारों से 25 से 50 हजार रुपए जमा कराकर सालभर में 9 लाख रुपए कमाने का लालच दे करोड़ों की ठगी करने का पर्दाफाश हुआ है। ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए करीब 150 लोगों ने दिनारा थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है । इन लोगों से ठगी गई रकम में से 30 से 40 लाख रुपए उत्तराखंड में रहने वाले एक व्यक्ति के बैंक खाते में जमा हुए हैं।

अचानक अपने खाते में इतनी बड़ी रकम पहुंचने से घबराये युवक ने उत्तराखंड की साइबर सेल पुलिस को इसकी शिकायत की तो पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इधर दिनारा पुलिस ठगे गए युवकों की शिकायत की जांच कर रही है।

बेरोेजगारों को लाखों कमाने का सपना दिखाकर ठगने वालों ने मोबाइल वाट्सएप पर एक लिंक साझा कर ग्रुप में जुड़ने को कहा। ठगों ने इसके लिए आईसीई, टेमटैक, सीबीसी आैर पीके मीडिया के नाम के एप बनाकर बेरोजगारों से एक-एक हजार रुपए से रीचार्ज कराने को कहा। इसके बाद हर सदस्य से नए सदस्य जोड़ने आैर रीचार्ज के तौर पर जमा कराई गई रकम के अनुपात में कमाई होने का लालच दिया। लालच में फंसे युवाओँ ने हजार की जगह 10 से लेकर 50 हजार तो किसी ने एक लाख रुपए तक रीचार्ज के तौर पर जमा कराए। बड़ी संख्या में सदस्यों की चेन बनाई।

खाते में अचानक बड़ी रकम पहुंची तो घबरा गया युवक

ट्रेवल एजेंसी संचालक ऋषभ के पास किसी अनजान व्यक्ति का फोन पहुंचा था। बिजनेस के एवज में कमीशन का लालच देकर ऋषभ का बैंक अकाउंट ठग ने एक्सेस कर लिया। 28-29 जून से उसके अकाउंट में अचानक बड़ी रकम जमा हुई तो वह घबरा गया। उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद कुछ और लोगों के फोन आना शुरू हो गए, तब पता चला कि ठग ने उसके बैंक खाते का गलत इस्तेमाल हुआ है। 1 जुलाई को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महज 3-4 दिन के भीतर ही ट्रेवल ऐजेंसी संचालक के खाते में 30 से 40 लाख रुपए की रकम पहुंची है। ठगों ने कई कंपनी के एप बनाकर लोगाें को मुनाफे का लालच देकर अलग-अलग यूपीआई आईडी के जरिए पैसे हड़पे हैं। -उत्तराखंड साइबर क्राइम के अधिकारी अंकुश मिश्रा ने दैनिक भास्कर को बताया

एसपी बोले- हम शिकायती आवेदन की जांच करा रहे हैं

दिनारा थाने में शिकायती आवेदन की हम जांच करा रहे हैं। लोगों से भी आग्रह है कि मुनाफे के लालच में आकर इस तरह की फेक कंपनियां व एप इंस्टॉल ना करें। साथ ही बिना सोचे-समझे अज्ञात कंपनियों को पैसा ट्रांसफर ना करें। - राजेश सिंह चंदेल, एसपी, शिवपुरी

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