कोरोना काल में लोगों ने ऑक्सीजन के महत्व को समझा है। निःशुल्क ऑक्सीजन जो पेड़ पौधों से मिल रही है। इसके लिए पेड़ों के महत्व को समझना होगा।
इसके लिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे और इन पौधों के वृक्ष बनने पर संरक्षण एवं संवर्धन पर ध्यान देना होगा। आज हम संकल्प लें कि एक पौधा लगाकर प्रकृति संस्कृति एवं अपनी सभ्यता से जुड़ने का प्रयास करेंगे। यह बात गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कही।
डॉ. मिश्रा रविवार को झा समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वृक्षों के साथ-साथ हमें अपने आस-पास के जल स्रोतों के संरक्षण पर ध्यान देना होगा। जल स्रोतों के देख रेख न होने के कारण जल स्रोतों का जल स्तर नीचे चला गया है। आज आवश्यकता है कि हम अपने पुराने जल स्रोतों का जीर्णोद्धार एवं संवर्धन कर उनके जल संग्रहण की क्षमता बढ़ाएं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल ने अपनों को दूर कर दिया है। लोगों से रिश्ते छीन लिए हैं।
अगर पति को कोरोना हो गया है तो पत्नी उसका दुख दर्द बांटना तो दूर, उसका चेहरा तक नहीं देख पा रही थी। बेटा बाप से दूर हो गया है। अब कोरोना नियंत्रण में है। आगे भी नियंत्रण में रहे इसलिए जरूरी है कि हम कोरोना गाइड लाइन का पालन करें। चेहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करते रहना है। गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में दतिया ऐसा जिला है जहां लोगों ने बढ़ चढ़कर एक दूसरे की मदद की है। लोग भूखे पेट उठे तो हैं लेकिन सोए नहीं हैं। कार्यक्रम की शुरूआत सामुदायिक भवन के लोकार्पण कर की गई। इस अवसर पर गृहमंत्री ने पौधा रोपण किया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक डॉ. आशाराम अहिरवार, कालीचरण कुशवाहा, राकेश झा, विपिन गोस्वामी, योगेश सक्सेना, अतुल भूरे चौधरी, घनश्याम झा, कालीचरण झा, ज्वाला प्रसाद झा, रामकिशोर झा, राजेश त्यागी, अंकुश दांगी आदि शामिल रहे।
सभी एक पौधा लगाने का संकल्प लें
नरोत्तम मिश्र ने कहा कि जड़, जंगल, जमीन एवं ज जवान को जोड़कर प्रत्येक जवान एक पौधा लगाने का संकल्प ले। कोरोना ने हमारे जीवन की जीवन पद्धति बदल दी है। जहां लोग अपनी प्रकृति, संस्कृति एवं अपनी सभ्यता को भूला है वहां कोरोना हावी हुआ है। इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा महानगरों एवं शहरी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि लोगों ने कोरोना काल में प्राणवायु ऑक्सीजन के महत्व को समझते हुए अब लोग वृक्षारोपण के प्रति तेजी के साथ बढ़ रहे है और पौधारोपण कर रहे है।
उन्होंने कहा कि हमें शुद्ध वायु ऑक्सीजन की कदर करना होगा। गृह मंत्री ने कहा कि नीम के वृक्ष को आदिकाल से हकीम के रूप में जाना जाता है जिसके उपयोग से कई बीमारियों का इलाज होता है। लेकिन हमने इसके महत्व को नहीं समझा। हमें वृक्षों के महत्व को समझने के साथ-साथ अन्य लोगों को इनके महत्व को बताना होगा। गृह मंत्री ने कहा कि पृथ्वी पर पैदा होने वाली वनस्पति किसी न किसी रूप में औषधी के रूप में प्रयोग की जाती है लेकिन इसको पहचानना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी राशि के नाम पर भी पौधे लगाकर अपने जीवन में खुशहाली ला सकते है।
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