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लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन



संबोधन से पहले प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद उन्होेने गॉर्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और झंडारोहण किया

पीएम: हमारा सामर्थ्य हिन्द महासागर जितना अथाह है, हमारी कोशिशें गंगा की धारा जितनी पवित्र हैं, निरंतर हैं। और सबसे बड़ी बात, हमारे मूल्यों के पीछे हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति की प्रेरणा है

 पीएम: हम जानते हैं कि हमारे लक्ष्य हिमालय जितने ऊंचे हैं, हमारे सपने अनगिनत-असंख्य तारों से भी ज्यादा हैं,

 पीएम: आज देश में 21वीं सदी की आवश्यकता के मुताबिक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया गया है

 पीएम: भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें गरीबी से मुक्त होना ही है और पिछले 5 वर्षों में गरीबी कम करने की दिशा में, गरीबीं को गरीबी से बाहर लाने की दिशा में बहुत सफल प्रयास हुए हैं

 पीएम: देश को नई ऊंचाइयों को पार करना है, विश्व में अपना स्थान बनाना है और हमें अपने घर में ही गरीबी से मुक्ति पर बल देना है और ये किसी पर उपकार नहीं है

 पीएम: जो लोग इसकी वकालत करते हैं उनसे देश पूछता है अगर ये धारा इतनी महत्वपूर्ण थी तो 70 साल तक इतना भारी बहुमत होने के बाद भी आप लोगों ने उसे स्थाई क्यों नहीं किया

 पीएम: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सुख समृद्धि और शांति के लिए भारत के लिए प्रेरक बन सकता है और भारत की विकास यात्रा में बहुत बड़ा प्रेरक बन सकता है

 पीएम: समस्यों का जब समाधान होता है तो स्वावलंबन का भाव पैदा होता है, समाधान से स्वालंबन की ओर गति बढ़ती है। जब स्वावलंबन होता है तो अपने आप स्वाभिमान उजागर होता है और स्वाभिमान का सामर्थ्य बहुत होता है:

 'सबका साथ, सबका विकास' का मंत्र लेकर हम चले थे लेकिन 5 साल में ही देशवासियों ने 'सबका विश्वास' के रंग से पूरे माहौल को रंग दिया: पीएम

 अगर 2014 से 2019 आवश्यकताओं की पूरी का दौर था तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है: पीएम

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