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मांगलिया से इंदौर रोज अपडाउन करती थी डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा, लगातार चार साल पीएससी में हुई चयनित


इंदौर/मांगलिया. राजगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन के दौरान थप्पड़ मारने से चर्चा में आई डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा मांगलिया की निवासी है और उनके समर्थन में अभियान चलने से सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुई है। प्रिया वर्मा में बचपन से ही अफसर बनने का जुनून था, मांगलिया से इंदौर अपडाउन कर पढ़ाई कर खुद को तैयार करने राज्य पीएससी में लगातार चार साल तक चयनित होने का रिकॉर्ड बनाया था।
मांगलिया से इंदौर रोज अपडाउन करती थी डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा, लगातार चार साल पीएससी में हुई चयनित
साथ पढऩे वाले व संघर्ष में साथ रहने वाले लोगों का कहना है, गलत आचरण सहन नहीं करना और अपने फैसले खुद करना प्रिया वर्मा को पसंद है। प्रिया वर्मा का परिवार वर्तमान विवाद पर कुछ नहीं कहना चाहता है, वह अपनी बेटी के साथ है। प्रिया के परिवार में पिता महेश वर्मा मां किरण वर्मा, बड़ी बहन वैशाली व छोटा भाई आशीष है। मां किरण बताती है, कक्षा 5वीं के बाद ही प्रिया ने अफसर बनने की ठान ली थी। वह हमेशा प्रवीण्य सूची में आती थी।
मांगलिया से इंदौर रोज अपडाउन करती थी डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा, लगातार चार साल पीएससी में हुई चयनित
जेलर के पद पर चयनित हुई, लेकिन सपना डिप्टी कलेक्टर का था
स्कूली शिक्षा गुजराती कन्या स्कूल में की और ग्रेज्यूएशन भी यहीं से किया। प्रतिदिन मांगलिया से अपडाउन करती थी। महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल सर्विसेस में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। यहां के प्रशासनिक प्रभारी सतीश चौहान के मुताबिक, प्रिया वर्मा वर्ष 2014 में पीएससी के जरिए जेलर के पद पर चयनित हुई और उज्जैन मेें नौकरी ज्वाइन की, लेकिन हमेशा डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना देखा था इसलिए अगले साल फिर प्रयास किया जिसमें डीएसपी के पद पर चयनित हुई। 2016 में डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए वेटिंग सूची में चौथी नंबर पर रही। 2017 में फिर पीएससी में भाग लिया और इस बार राज्य में चौथा नंबर हासिल किया और पहली पोस्टिंग राजगढ़ ब्यावरा में मिली है।
मांगलिया से इंदौर रोज अपडाउन करती थी डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा, लगातार चार साल पीएससी में हुई चयनित
एनिमिया पीडि़त बच्ची को गोद लिया
साथी बताते हैं कि प्रिया हमेशा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में बढ़-चढक़र भाग लेती है। उन्होंने वहां एक एनिमिया पीडि़त बच्ची को गोद लिया है, प्रतिदिन उसकी जानकारी लेती है। जिम्मेदारी से काम करने तथा हर काम में अपनी भूमिका निभाने की ईमानदारी है कि युवा वर्ग विवाद में उनका साथ दे रहा है। सोशल मीडिया पर प्रिया वर्मा जिंदाबाद के नाम से अभियान चलाया गया जो ट्रेंड करता रहा।

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